गया कॉलेज में शोध प्रस्ताव का निर्माण एवं संबंधित अनुदान संस्थान विषय पर वक्ताओं ने रखे अपने विचार

देश की युवा इसको आत्मसात करें और शोध की ओर प्रेरित हो शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक शोध की आवश्यकता डॉ. धनंजय शोध प्रस्ताव में नवाचार का होना आवश्यक है और शोध प्रस्ताव समाज के लिए भी होगी उपयोगी।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 05:30 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 05:30 PM (IST)
गया कॉलेज में शोध प्रस्ताव का निर्माण एवं संबंधित अनुदान संस्थान विषय पर वक्ताओं ने रखे अपने विचार
गया में वेबिनार में अपने विचार रखते वक्‍ता। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। गया कॉलेज के बीएड विभाग एवं आईक्यूएसी सेल के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय था शोध प्रस्ताव का निर्माण एवं संबंधित अनुदान संस्थान है।

गया कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश प्रसाद सिन्हा के दिशा निर्देश पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य साधन सेवी प्रो. रमाकांत मोहालीक क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान एनसीईआरटी भुनेश्वर ने शोध प्रस्ताव के संबंधित बारीकियों पर चर्चा करते हुए कहा कि शोध प्रस्ताव के निर्माण में हमें कई बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए।

सर्वप्रथम शोध प्रस्ताव में नवाचार का होना आवश्यक है। उसकी प्रासंगिकता होनी चाहिए तथा शोध प्रस्ताव समाज के लिए उपयोगी होनी चाहिए ज्यादातर शोध प्रस्ताव संबंधित संस्थाओं द्वारा गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर पाने के कारण अस्वीकृत कर दिए जाते हैं।

शोध प्रस्ताव के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शोध का क्षेत्र एवं प्रकरण नया होना चाहिए सामान्य तौर पर शोधार्थी ऐसे क्षेत्रों का चयन कर बैठते हैं। जिस पर पहले ही बहुत कार्य हो चुका है। युवा शोधार्थियों को नए क्षेत्रों की ओर नई ऊर्जा से बढ़ना चाहिए।

शोध से ही विभिन्न समस्याओं का निराकरण संभव : प्राचार्य

गया कॉलेज के प्राचार्य डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन के लिए नोडल ऑफिसर डॉ धनंजय धीरज बधाई के पात्र हैं। स्थितियां सामान्य होने पर नियमित रूप से भी कार्यशाला का आयोजन करवाया जाएगा। साथ ही साथ कहा कि शोध की ओर विद्यार्थियों को प्रेरित करना शिक्षक का दायित्व है और शोध से ही विभिन्न समस्याओं का निराकरण संभव है। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर स्तर पर गुणात्मक शोध के क्षेत्र में काफी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। गया कॉलेज में शोध को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेल का गठन किया जा चुका है।

कार्यशाला शोधार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी

समन्वयक आइक्यूएसी गया कॉलेज डॉ अरविंद कुमार सुनील ने कहा कि यह कार्यशाला शोधार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी है क्योंकि ज्ञान के अभाव ने विद्यार्थी शोध प्रस्ताव को उचित संस्था तक नहीं पहुंचा पाते हैं। जिससे उनके शोध का सपना अधूरा ही रह जाता है आशा है कि आज की कार्यशाला विज्ञान कला एवं अन्य कार्यों के लिए समान रूप से उपयोगी रही होगी।

कार्यक्रम के सह समन्वयक विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग डॉ धनंजय धीरज ने कहा कि शोध समय की मांग है विकास और शोध मे परस्पर संबंध है आवश्यकता इस बात की है कि देश की युवा इस को आत्मसात करें और शोध की ओर प्रेरित हो शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक शोध की आवश्यकता है। जिससे देश के समस्त शिक्षा प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जा सके।

विकसित राष्ट्रों की भांति हमें भी शोध पर ध्यान एवं धन दोनों देने की आवश्यकता है शोधार्थियों के लिए यह कार्यशाला उनकी शोध यात्रा में मील का पत्थर साबित होगी। कार्यशाला में 16 राज्यों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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