दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्‍वविद्यालय ने देशभर के नौ शिक्षकों और तीन स्‍कूलों को कार्यशाला में किया सम्‍मानित

विवि के शिक्षापीठ के शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा ‘सीयूएसबी पंडित मदन मोहन मालवीय राष्‍ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन पुरस्‍कार-2020’ समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कुलपति प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर एवं मुख्य अतिथि प्रो. बीके त्रिपाठी ने अभिनव (इनोवेटिव) शिक्षकों तथा स्कूलों को पुरुष्कृत किया।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 04:57 PM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 04:57 PM (IST)
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्‍वविद्यालय ने देशभर के नौ शिक्षकों और तीन स्‍कूलों को कार्यशाला में किया सम्‍मानित
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्‍वविद्यालय में सम्‍मानित होतीं शिक्षिका। जागरण।

संवाद सहयोगी, टिकारी (गया)। पठन-पाठन में नवाचार पद्धति का प्रयोग करने के लिए दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय ने देशभर के नौ शिक्षकों एवं तीन स्कूलों को एक विशेष कार्यशाला में सम्मानित किया। पीआरओ मो० मुदस्सीर आलम ने बताया कि विवि के शिक्षापीठ के शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा ‘सीयूएसबी पंडित मदन मोहन मालवीय राष्‍ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन पुरस्‍कार-2020’ समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कुलपति प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर एवं मुख्य अतिथि प्रो. बीके त्रिपाठी ने अभिनव (इनोवेटिव) शिक्षकों तथा स्कूलों को पुरुष्कृत किया।

शिक्षण और मूल्यांकन में अभिनव अभ्यास तथा प्रयोग के लिए भारत के नौ शिक्षकों क्रमशः डॉ. दिलीप कुमार, शिलॉन्ग, डॉ. शिल्पा दीक्षित, रायगढ़, प्रियंका कुमारी, सीतामढ़ी, एल. राजेश्वरी, चेन्नई, एलाइन नाग बहेटी, शिलॉन्ग, स्नेहा कुमारी, अररिया, बिंदु भूषण सिंघा, मेघालय, श्रवण कुमार, चेन्नई, तथा अजीत कुमार सिंह, मेघालय को पुरुस्कृत किया गया। साथ ही तीन स्कूलों- सीएमसीएल विद्या भारती स्कूल, लमशोनॉन्ग, ओपी जिंदल पब्लिक स्कूल, रायगढ़ को सम्मानित किया।

इस अवसर पर प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि एनईपी-2020 के अनुसार नवीन शिक्षण और नवीन शिक्षार्थियों को तैयार करने का लक्ष्य अनिवार्य है। उन्होंने शिक्षार्थियों के लिए जीवंत शिक्षण-अध्‍ययन अनुभव की आवश्यकता के साथ एक शिक्षक के रूप में भी अभिनव बने रहने के प्रयास को जारी रखने पर भी बल दिया। प्रो. राठौर ने कहा कि वास्तविक शिक्षा वह है जो एक व्यक्ति को एक अच्‍छा इंसान बनाती है और एक शिक्षार्थी में मानवीय मूल्यों का समावेश उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उसके व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं को विकसित करना। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह की शिक्षा को अस्तित्व में लाने के लिए तथा एनईपी -2020 की दृष्टि को वास्तविक बनाने के लिए शैक्षणिक विद्वान से शिक्षाविद के रूप में परिवर्तित होना आवश्‍यक है।

कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रेखा अग्रवाल ने इनोवेशन पेडागॉगी पर कार्यशालाओं का आयो‍जन किया। इनोवेशन पेडागॉगी पर इस तरह के तैयार किए गए मॉड्यूल प्रो. कुसुम राय, मुंगेर विश्वविद्यालय तथा प्रो. ओ.पी. राय पूर्व उप कुलपति, सीयूएसबी, विशेषज्ञों की  उपस्थिति में प्रस्तुत किए गए। टीचर एजुकेशन विभाग के प्रमुख, प्रो. कौशल किशोर तथा संयोजक टीम के सदस्य, डॉ. एनवी सिंह, डॉ. स्वाति गुप्ता, डॉ. संदीप कुमार, मोहिनी त्रिपाठी तथा सुचेता कुमारी के साथ सीयूएसबी के स्कूल ऑफ एजुकेशन के सभी संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया।

chat bot
आपका साथी