Paddy Purchase: साहब, कब तक इंतजार करें, इससे तो अच्छा है कि घाटा सहकर भी साहुकार को ही धान बेच दें
रोहतास जिले में अब तक धान की खरीदारी शुरू नहीं की गई है। इससे किसानों में मायूसी है। उनका कहना है कि जरूरत के समय जब धान नही बिकेगा और पैसे नहीं मिलेंगे तो फिर क्या मतलब है।
जेएनएन, सासाराम (रोहतास)। जिले के 19 प्रखंडों में से अभी किसी प्रखंड में भी धान खरीद (Paddy Purchase)की शुरुआत नहीं हो सकी है। इसमें विलंब से किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है। उनका धैर्य जवाब देने लगा है। उधर पैक्सों को भी धान खरीद के लिए कैश क्रेडिट लिमिट भी नहीं मिल पाई है। एेसे में किसानो के धान बिचौलिए खरीद रहे हैं। जरूरतों काे देखते हुए किसान मजबूरी में घाटा सहकर अपना धान बेच रहे हैं।
20 फीसद से ज्यादा की मिली है नमी
पैक्स अध्यक्षों की मानें तो अभी अधिकतर किसानों के धान में 20 फीसद से ज्यादा नमी पाई जा रही है। उन्हें धान सुखाकर लाने को कहा जा रहा है। वहीं इस वर्ष 37 डिफाॅल्टर पैक्सों को धान खरीद पर पाबंदी लगाई गई है। दाे सौ पैक्सों को धान खरीद की जवाबदेही दी गई है।
सरकार को धान बेचने में है काफी झमेला
किसानों की मानें तो अधिप्राप्ति को ले सरकारी झमेले से काफी परेशानी है। कभी नमी तो कभी कागजातों के सत्यापन कराने में पसीना छूट जाता है। ऐसी स्थिति में घाटा सहकर भी बिचौलियों के हाथों ही धान बेचना आसान लगता है। दूसरी ओर शादी-विवाह के समय क्रय केंद्र शुरू नहीं होने से परेशानी काफी बढ़ गई है।
डीएम के निर्देश के बाद भी नहीं शुरू हुई धान की खरीद
बताते चलें कि 26 नवंबर को डीएम पंकज दीक्षित की उपस्थिति में पैक्स व व्यापार मंडल अध्यक्षो की बैठक हुई थी। उसमें शीघ्र धान खरीद शुरू करने का निर्देश दिया था। इस दौरान अध्यक्षो ने समय पर बोरा उपलब्ध न होने व बकाया राशि का भुगतान करने की मांग उठाई थी। वहीं दिनारा समेत अन्य प्रखंड में क्रय समिति ने बैठक कर बकाया भुगतान होने तक अधिप्राप्ति कार्य शुरू नही करने का निर्णय लिया है। क्रय केंद्र पर धान खरीद शुरू नही होने का सबसे ज्यादा प्रभाव अन्नदाता पर ही पड़ रहा है। साहूकार भी अब इस इंतजार में है कि कब और किस दर खरीद-बिक्री की जाए।