नक्‍सली बंदी के कारण औरंगाबाद के अंबा बाजार में नहीं खुलीं दुकानें, बैंक और पेट्रोल पंप भी रहे बंद

भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस व उनकी पत्नी शीला मरांडी समेत छह अन्य लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों के बंद के तीसरे दिन गुरुवार को भी अंबा बाजार बंद रहा। बैंक व पेट्रोल पंप भी बंद रहे।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 09:10 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 09:10 AM (IST)
नक्‍सली बंदी के कारण औरंगाबाद के अंबा बाजार में नहीं खुलीं दुकानें, बैंक और पेट्रोल पंप भी रहे बंद
नक्‍सली बंद के कारण अंबा बाजार की दुकानें रहीं बंद। जागरण

अंबा/ नवीनगर (औरंगाबाद), संवाद सूत्र। भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस व उनकी पत्नी शीला मरांडी समेत छह अन्य लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों के बंद के तीसरे दिन गुरुवार को भी अंबा बाजार बंद रहा। अंबा, कुटुंबा, संडा, देवरिया, सिमरा, रिसियप में भी इक्के-दुक्के दुकानों को छोड़कर बाजार की अधिकतर दुकानें बंद रहीं। सरकारी बैंकों में भी ताला लटका रहा। यात्री वाहनों का परिचालन नहीं हुआ इससे प्रखंड कार्यालय तथा अन्य कार्यालयों में कर्मी कम पहुंचे। सरकारी व निजी विद्यालयों तथा अन्य कार्यालयों में भी बंदी का असर देखने को मिला। हालांकि दवा, दूध आदि की दुकानें खुली रही।

पेट्रोल पंप समेत बैंक व स्‍कूल भी रहे बंद 

लगातार तीन दिनों तक बंदी के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। एक जगह से दूसरे जगह जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। यात्री बसों का परिचालन नहीं होने के कारण लोगों को ऑटो का सहारा लेना पड़ा। पेट्रोल पंप बंद रहने के कारण बाइक चालकों को भी काफी परेशानी हुई। बाइक तथा अन्य वाहनों के चालक पेट्रोल के लिए पेट्रोल पंप का चक्कर लगाते दिखे। तीन दिवसीय नक्सली बंदी के दौरान प्रखंड के सभी थानों में पुलिसकर्मी अलर्ट रहे। शांति व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पुलिस की टीम सड़कों पर गश्त लगाती रही। वहीं नवीनगर में भी नक्सली बंदी का तीसरे दिन असर दिखा। इस दौरान दुकानें बंद रही। सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिखा। मालूम हो कि बंद के दौरान भाकपा माओवादी नक्सलियों ने बुधवार को देव थाना मुख्यालय स्थित पावर स्टेशन की चारदीवारी पर पोस्टर चस्पा कर सनसनी फैला दी है। इसमें बिजली विभाग के इंजीनियरिों को जनअदालत में सजा देने की धमकी दी गई है। उसमें सजा ए मौत का फरमान लिखा गया है। इस कारण से दहशत का माहौल है। गुरुवार को केवल एक कर्मी कार्यालय पहुंचे। इंजीनियर तो आए ही नहीं। हालांकि, इससे बिजली आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं हुई।  

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