शेरघाटी नगर पंचायत की छह माह से नहीं हुई बैठक, विकास कार्य अवरुद्ध, जन समस्‍या का नहीं निकल रहा हल

गया जिले के शेरघाटी नगर पंचायत की सामान्य बैठक पिछले छह महीनों से नहीं हो सका है। मुख्य पार्षद लीलावती देवी ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी शेरघाटी को सामान्य एवं सशक्त बैठक के लिए दो बार तिथियां निर्धारित कर पत्र के माध्यम से सूचना दी गई है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 09:21 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 09:21 AM (IST)
शेरघाटी नगर पंचायत की छह माह से नहीं हुई बैठक, विकास कार्य अवरुद्ध, जन समस्‍या का नहीं निकल रहा हल
शेरघाटी नगर पंचायत की छह माह से नहीं हुई बैठक। जागरण।

संवाद सहयोगी, शेरघाटी (गया)। गया जिले के शेरघाटी नगर पंचायत की सामान्य बैठक पिछले छह महीनों से नहीं हो सका है। मुख्य पार्षद लीलावती देवी ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी शेरघाटी को सामान्य एवं सशक्त बैठक के लिए दो बार तिथियां निर्धारित कर पत्र के माध्यम से सूचना दी गई है। बावजूद इसके कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा सामान्य एवं सशक्त की बैठक नहीं की जा रही है। इससे साफ होता है कि कार्यपालक पदाधिकारी विकास कार्यों में रुचि नहीं लेकर रहे हैं।

 सामान्य एवं सशक्त की बैठक बाधित रहने के कारण 50,000 से अधिक की आबादी वाला नगर पंचायत शेरघाटी का विस्तारित 52 मुहल्ले विकास में पिछड़ता  जा रहा है। वार्ड सदस्य एवं नगर की जनता असंतोष व्यक्त करने लगी है। जनप्रतिनिधियों की मनोदशा विकास से हटता जा रहा है। कार्यपालक पदाधिकारी के मनमानी रवैया के कारण नगर का विकास अवरुद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि शेरघाटी नगर पंचायत को बिहार सरकार के द्वारा नगर परिषद का दर्जा दिया जा चुका है। परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों के रवैया के कारण शेरघाटी नगर परिषद को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। शेरघाटी नगर पंचायत के कई वार्ड और मुहल्ले वर्तमान परिवेश में भी ग्रामीण परिवेश में जी रहे हैं। वहां नियमित नाली सफाई से लेकर शहर में  मिलने वाली सुविधाएं  नहीं मिल रही है।

प्रशासनिक दृष्टिकोण से सामान्य और सशक्त की बैठकों में इनके विकास के लिए प्रस्ताव लिया जाता रहा है। परंतु प्रशासनिक कार्यपालक पदाधिकारी के अड़ियल रवैया से कार्य बाधित हो रहा है। वर्ष 2022 में नगर परिषद का चुनाव संभावित है। जनप्रतिनिधि अपने अपने वार्ड के विकास को लेकर गंभीर हैं। परंतु तकनीकी और प्रशासनिक सहायता न मिलने के कारण विकास कार्य धरातल पर नहीं उतर रहे हैं। विकास कार्यों का प्रस्ताव फाइलों तक सिमट कर रह गई है। इधर उप मुख्य पार्षद प्रेम प्रकाश उर्फ चिंटू सिंह ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी का कार्यशैली सही दिशा में नहीं प्रतीत होता है। इससे शहर का विकास कार्य अवरुद्ध हो रहा है।

हम वार्ड से निर्वाचित प्रतिनिधियों का मांग है कि विकास कार्यों में रुचि लेते हुए कार्यपालक पदाधिकारी विकास कार्यो को तेजी से आगे बढ़ाएं। सिंह ने बताया कि 28 जनवरी और 15 फरवरी दो निर्धारित तिथि बैठक के लिए कार्यपालक के पास प्रस्ताव दिया गया था परंतु बैठक नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का 557 लाभुकों में मात्र 173 लाभुकों का द्वितीय किस्त की राशि दी गई है शेष 384 लाभुक आज भी आवास योजना के राशि से वंचित हैं।

शहर में अति महत्वपूर्ण योजना 6 शौचालय का निर्माण इकरारनामा के बावजूद लंबित पड़ा हुआ है। शहर में एक भी आवास योजना अब तक पूर्ण नहीं हो सका है, क्योंकि लाभुकों की राशि हस्तांतरित नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतिदिन आमजन को समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसी प्रकार गत दो दशक से चली आ रही शहरवासियों का चिर प्रतीक्षित मांग शहर में टाउन हॉल निर्माण का कार्य अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि टाउन हॉल का पैसा नगर पंचायत में पड़ा हुआ है परंतु कार्य आदेश तकनीकी रूप से नहीं होने के कारण कार्य में विलंब हो रहा है, जबकि उप मुख्यमंत्री के साथ हाल के एक महीनों में स्थानीय विधायक ने बैठक के दौरान टाउन हॉल निर्माण को अविलंब चालू करने की मांग रखी है। इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी ज्योति श्रीवास्तव पक्ष जानने के लिए फोन के माध्यम से संपर्क किया गया परंतु वे काल रीसिव नहीं किये।

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