Sharad Purnima: गया में खूब हो रही खाजा की बिक्री, खीर के साथ लगाया जाएगा भगवान को भोग

Sharad Purnima 2021 शरण पूर्णिमा मंगलवार और बुधवार दोनों दिन मनाई जा रही है। गया में यह बुधवार को मनाई जाएगी। इसको लेकर बाजार से लेकर घर तक में तैयारी हो रही है। शहर में इस पर्व को लेकर खाजा की डिमांड बढ़ गई है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 01:25 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 01:25 PM (IST)
Sharad Purnima: गया में खूब हो रही खाजा की बिक्री, खीर के साथ लगाया जाएगा भगवान को भोग
गया शहर के रमना रोड में खाजा की दुकान। जागरण

गया, जागरण संवाददाता। शरण पूर्णिमा मंगलवार और बुधवार दोनों दिन मनाई जा रही है। गया में यह बुधवार को मनाई जाएगी। इसको लेकर बाजार से लेकर घर तक में तैयारी हो रही है। शहर में इस पर्व को लेकर खाजा की डिमांड बढ़ गई है। शरद पूर्णिमा के अवसर पर खाजा की बिक्री काफी अच्छी होती है। क्योंकि खीर के साथ खाजा का भोग भगवान को लगाया जाता है। इसके बाद इन्‍हें खुले आसमान के नीचे चांद की रोशनी में रख दिया जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि अमृत का वर्षा होती है। इसी को लेकर खाजा की बिक्री काफी अच्छी होती है।  

140 से 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा खाजा 

यूं तो हर मिठाई की अलग खासियत होती है। खासकर गया के मिठाइयों की बात ही कुछ अलग होती है। चाहे वह लाई, तिलकुट हो या खाजा। गया का खाजा भी मशहूर है। खाजा की डिमांड को देखते हुए शहर की मिठाई दुकानों में बड़े पैमाने पर इन्‍हें बनाया जा रहा है। कारीगर रात दिन जुटे हुए हैं। सबसे अधिक खाजा की दुकान शहर के रमना रोड में है। जहां खाजा की बिक्री खूब हो रही है। खाजा विक्रेता विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि शरद पूर्णिमा पर खाजा की बिक्री अच्छी होती है। शहर में करीब पांच हजार किलो खाजा की बिक्री होने की उम्मीद है। यह 140 से लेकर 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। शरद पूर्णिमा को लेकर एक सप्ताह पहले से की तैयारी शुरू कर दी जाती है।  

विष्णुपद मंदिर में चल रही है तैयारी

शरद पूर्णिमा को लेकर विष्णुपद मंदिर में तैयारी चल रही है। विष्णुपद प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल ने कहा कि शरद पूर्णिमा को लेकर भगवान श्री हरि की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। मंदिर के गर्भ गृह को विशेष तरह से सजाया जाएगा। इसके साथ साथ फल्‍गु महाआरती का आयोजन भी किया जाएगा। यह महाआरती देवघाट पर की जाएगी। वहां पांच गयापाल पुरोहित फल्गु महाआरती करेंगे। 

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