औरंगाबाद में सड़क पर वृद्ध महिला की स्थिति देख न्यायाधीश ने किया कुछ ऐसा कि सभी करने लगे वाहवाही, जानिए उन्होंने क्या किया

शहर में पुरानी जीटी रोड पर 70 वर्षीया महिला कई माह से तंग है। महिला गंदगी के बीच रहती है उसी से चुनकर और खाकर अपना पेट भरती है। आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की नजर पड़ी तो जानिए उन्होंने क्या किया...

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 06:33 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 06:33 PM (IST)
औरंगाबाद में सड़क पर वृद्ध महिला की स्थिति देख न्यायाधीश ने किया कुछ ऐसा कि सभी करने लगे वाहवाही, जानिए उन्होंने क्या किया
सड़क पर वृद्ध महिला की स्थिति देख न्यायाधीश द्रवित हो उठे

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : औरंगाबाद शहर के रमेश चौक से कलेक्ट्रेट के बीच पुरानी जीटी रोड पर 70 वर्षीया महिला कई माह से तड़प रही है। न वह ठीक से जी पा रही है, और न ही उसे मौत आ रही है। ठंड के दिनों में भी वह सड़क पर ठिठुरती रहती है। इसी रास्ते सभी न्यायाधीश एवं अधिकारी आते-जाते हैं, परंतु उन्हें वह महिला दिखाई नहीं देती है। महिला गंदगी के बीच रहती है, उसी से चुनकर और खाकर अपना पेट भरती है।

सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 डा. दिनेश कुमार प्रधान की नजर पड़ी तो वे द्रवित हो उठे। उन्होंने कुछ ऐसा किया कि सभी वाहवाही करने लगे। मामले में उन्होंने संज्ञान लिया जो जिले में इस तरह की पहली सूचना है। उन्हें लगा कि ये तो मानवाधिकार के मूल अधिकारों का हनन है। उन्होंने सोमवार को इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को पत्र लिखा है। 

न्यायाधीश ने लिखा यह उसके मूल मानवाधिकारों का हनन

कहा है कि दो माह से मैं इसी रास्ते सरकारी आवास से न्यायालय आते जाते रहता हूं। महिला को सड़क पर देख रहा हूं। वह सुधा डेयरी बूथ से कलेक्ट्रेट के बीच सड़क या फुटपाथ पर रहती है। देखने से ऐसा लगता है कि वह बीमार रहती है और उसका मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है। एक दिन मैं उसे कचड़ा से गंदगी निकालकर खाते देखा। सड़क पर रहती है, जिस कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। देखने से ऐसा लगता है कि उसका सबने परित्याग कर दिया है। यह उसके मूल मानवाधिकारों का हनन है।

सुरक्षा के साथ चिकित्सा व्यवस्था करने का आग्रह

हमारा संविधान कल्याणकारी राज्य की कल्पना करता है। ऐसे में मुझे लगता है कि उसके बचाव एवं सुरक्षा की जरूरत है। न्यायाधीश डा. प्रधान ने विधिक सेवा के सचिव से मामले में संज्ञान लेकर उसे सुरक्षा के साथ चिकित्सा व्यवस्था करने का आग्रह किया है। पत्र की कापी जिला जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी औरंगाबाद को दिया है। उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध भी किया है।

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