दिव्यांग कुसुम को मायूस देख कुर्सी छोड़ जमीन पर बैठ गए सासाराम डीएम, सुनी समस्या

कुसुम रोहतास जिले के सुदूर गांव नागाटोली से 18 किलोमीटर की दूरी तय कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए पहुंची थी। उसे भीड़ में आगे बढ़ने व डीएम तक पहुंचने में परेशानी हो रही थी। यह देख डीएम उसके पास पहुंच गए। तत्‍काल कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:21 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:37 AM (IST)
दिव्यांग कुसुम को मायूस देख कुर्सी छोड़ जमीन पर बैठ गए सासाराम डीएम, सुनी समस्या
जमीन में कुसुम के साथ बैठकर बात करते सासाराम डीएम धर्मेंद्र कुमार। जागरण फोटो।

सासाराम, जागरण संवाददाता। कभी-कभी लोक सेवकों की संवेदना दिख जाती है। गुरुवार को रोहतास जिले के सुदूर क्षेत्र रेहल में भी ऐसा दिखा। डीएम धर्मेंद्र कुमार भीड़ में एक दिव्यांग बच्ची को आते देख अपनी कुर्सी छोड़ उसके पास पहुंच गए और जमीन पर बैठकर उसकी समस्या सुनी। बच्‍ची को भीड़ में आगे बढ़ने में और डीएम तक पहुंचने में परेशानी हो रही थी। यह देख डीएम उसके पास पहुंच गए। कुसुम के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उसकी बराबरी में जमीन पर ही बैठ गए और तत्काल निदान की घोषणा वहीं कर दी।

नागाटोली गांव से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी तय कर शिविर में पहुंची दिव्यांग बच्ची कुसुम को देख डीएम द्रवित हो गए। कुर्सी छोड़ खड़े हुए तो आसपास बैठे अधिकारी सकपका गए। वह बच्ची के आगे जमीन पर बैठ गए। कुसुम की बात सुन डीएम भी कुछ समय तक स्तब्ध रहे। उसने डीएम से कहा कि दक्षिण बिहार ग्राामीण बैंक में खाता होने के कारण पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसलिए पीएनबी में खाता खुलवा दें। उसने दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं बनने की बात कही। डीएम ने उससे आवेदन ही नहीं लिया बल्कि पूरी बात सुनने के बाद निराकरण का आश्वासन दिया और कहा कि इसके लिए गांव में जल्द दिव्यांगता कैंप लगा प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। सिविल सर्जन को तत्काल मेडिकल बोर्ड गठित कर शिविर लगाने के लिए कहा। साथ ही एलडीएम को तत्काल पीएनबी में खाता खुलवाकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

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