Sasaram Panchayat Chunav 2021: मात्र एक वोट से तय हुआ दरिगांव पंचायत मुखिया का पद

लोकतंत्र में एक-एक वोट की कीमत क्या है यह एक बार फिर से साबित हो गया। सासाराम जिले में चौथे चरण के पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान एक वोट की कीमत देखने को मिली। मात्र एक वोट ने एक मुखिया प्रत्‍याशी के सिर पर जीत का सेहरा बांध दिया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 04:56 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:25 PM (IST)
Sasaram Panchayat Chunav 2021: मात्र एक वोट से  तय हुआ दरिगांव पंचायत मुखिया का पद
मुखिया चुनाव में एक वोट की कीमत बनी चर्चा का विषय, सांकेतिक तस्‍वीर।

सासाराम : रोहतास] जागरण संवाददाता। लोकतंत्र में एक-एक वोट की कीमत क्या है, यह एक बार फिर से साबित हो गया । सासाराम जिले में चौथे चरण के पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान एक वोट की कीमत देखने को मिली। मात्र एक वोट ने जहां एक मुखिया प्रत्‍याशी के सिर  पर जीत का सेहरा बांध दिया। आश्‍चर्य मगर सच है कि यहां मात्र एक वोट ने मुखिया प्रत्याशी का भविष्य तय किया है। मात्र एक वोट से यहां मुखिया पद का जीत-हार तय हुआ है।

हारे प्रत्‍याशी ने पुर्नमतगणना कराई, परिणाम वहीं

ऐसा जिले में चार चरणों की हुई मतगणना में  पहली बार देखने को मिला। हारे प्रत्याशी की मांग पर जिला प्रशासन ने दोबारा काउंंटिंग कराया, फिर भी जीत पहले वाले की ही हुई। सासाराम की प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ सासाराम रोजी रानी ने बताया कि शुक्रवार को मतगणना के दौरान समरडीहां ,मोकर ,आकाशी पंचायत की मतगणना पूर्ण होने के बाद दरिगांव पंचायत की गिनती शुरू हुई। दरिगांव पंचायत में मुखिया पद के लिए कृष्ण कुमार 1245 वोट के साथ विजयी घोषित हुए ,साथ ही रामएकबाल राम 1244 मतों के साथ उपविजेता बने। इस परिणाम से असंतुष्ट निकटतम प्रतिद्वंदी प्रत्याशी ने दोबारा गिनती करने की मांग जिला प्रशासन से की। उनकी इस मांग पर सभी पंचायतों की गिनती समाप्त होने के बाद दोबारा दरिगांव पंचायत की मतगणना कराई गई। रिकाउंटिंग के समय सभी की मौजूदगी में इसकी दोबारा वीडियोग्राफी भी हुई। अंत में परिणाम फिर भी कृष्ण कुमार के पक्ष में ही रहा।

दरिगांव पंचायत में मुखिया चुनााव के परिणाम से प्रत्‍याशियों के सिर चकरा गए हैं। जीते या हारे प्रत्‍याशी दोनों की ही इसे भाग्‍य का खेल मान रहे हैं। वहीं समर्थकों का कहना है कि यह परिणाम देखकर आश्‍चर्य होता है और दुख भी आखिरकार एक वोट कैसे कम रह गया। ग्रामीण अपने मताधिकार पर मुस्‍कुरा रहे थे। वे गर्व से कह रहे थे कि हमारे एक-एक वोट की कीमत है। कोई हममें से एक को भी नजरअंदाज नहीं कर सकता।

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