Sasaram News: चौक-चौराहों पर रखे जाएंगे स्टील के डस्टबिन, राजपूताना मोहल्ले से हुई शुरुआत
नगर परिषद के सभी 39 वार्डों के चौक-चौराहों पर प्लास्टिक डस्टबिन के बदले अब स्टील के डस्टबिन लगाए जाएंगे। नप प्रशासन ने इसकी व्यवस्था पूरी कर जगह जगह रखना प्रारंभ भी कर दिया गया है। ईओ कुमार ऋत्विक ने बताया कि स्टील डस्टबिन क्रय किया गया है।
संवाद सहयोगी, डेहरी आन-सोन (सासाराम)। नगर परिषद के सभी 39 वार्डों के चौक-चौराहों पर प्लास्टिक डस्टबिन के बदले अब स्टील के डस्टबिन लगाए जाएंगे। नप प्रशासन ने इसकी व्यवस्था पूरी कर जगह जगह रखना प्रारंभ भी कर दिया गया है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक ने बताया कि महानगर के तर्ज पर स्टील डस्टबिन क्रय किया गया है। अभी 200 स्टील के डस्टबिन नगर परिषद को प्राप्त हुआ है। प्रत्येक वार्ड में तीन स्टील डस्टबिन रखे जाएंगे। साथ ही रिंग रोड, चौक-चौराहे व मुख्य स्थल पर भी स्टील डस्टबिन रखे जाएंगे। स्वच्छता निरीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि स्टील डस्टबिन काफी मजबूत है। साथ ही इसे एक स्थान पर स्थाई और सुरक्षित रखा जाएगा। यह आवारा पशुओं व किसी भी अन्य कारण से यह जल्द टूट नहीं सकता है।
सबसे अहम बात यह है कि इसमें भरे हुए कचरे को कूड़े वाहन में पलटने में एक मजदूर के लिए भी काफी आसानी होगी। मशीन द्वारा मजबूती से इसे जमीन में स्थाई तौर पर लगाया जा रहा है, ताकि स्टील डस्टबिन की चोरी न हो सके। राजपूतान मोहल्ला से स्टील डस्टबिन लगाने की शुरुआत की गई है। दस दिनों के अंदर सभी स्टील डस्टबिनों को चिह्नित स्थलों पर लगा दिया जाएगा। मुख्य पार्षद विशाखा ङ्क्षसह कहती है कि स्वच्छता को लेकर नगर परिषद हमेशा सजग है। लगातार नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जो शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग करेगा।
घोषणा तक सिमट गया नगर निगम के दर्जे का आदेश
सासाराम को नगर परिषद से निगम में उत्क्रमित होने के नौ माह बाद भी कार्यालय कार्य में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। बोर्ड भंग होने के बाद लगभग एक माह पूर्व डीएम की प्रशासक सह अध्यक्षता में हुई नगर निगम प्रशासकीय समिति की बैठक में लिए गए निर्णय पर अबतक अमल नहीं किया जा सका है। मुख्य द्वार पर लगे बोर्ड पर लगे निकाय के नाम को अब तक नहीं बदला जा सका है। अब भी बोर्ड निगम के स्थान पर परिषद अंकित है। इससे कार्यालय में पहुंचने वाले आमलोगों को पता नहीं चलता है कि सासाराम नगर निगम है या फिर नगर परिषद, जबकि कार्यालय से निर्गत होने वाले पत्र व तमाम आदेश पर निगम शब्द का प्रयोग किया जा रहा है।