Sasaram News: फर्जी तरीके से दो जगह चयनित शिक्षक अभ्यर्थी मामले में अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका शिक्षा विभाग

गलत तरीके व फर्जी प्रमाण पत्र पर चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों पर कार्रवाई करने के मामले में शिक्षा विभाग की दोरंगी नीति सामने आई है। छठे चरण के शिक्षक नियोजन काउंसिलिंग के प्रथम फेज में दो जगह से चयनित एक अभ्यर्थियों के विरूद्ध कार्रवाई चार माह से लंबित है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:20 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:20 PM (IST)
Sasaram News: फर्जी तरीके से दो जगह चयनित शिक्षक अभ्यर्थी मामले में अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका शिक्षा विभाग
मंजीव मामले में विभाग की चुप्‍पी से उठ रहे सवाल, सांकेतिक तस्‍वीर।

सासाराम : रोहतास, जागरण संवाददाता। गलत तरीके व फर्जी प्रमाण पत्र पर चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों पर कार्रवाई करने के मामले में शिक्षा विभाग की दोरंगी नीति सामने आई है। छठे चरण के शिक्षक नियोजन काउंसिलिंग के प्रथम फेज में दो जगह से चयनित एक अभ्यर्थियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के मामले में विभाग चार माह में भी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है। चेनारी व शिवसागर प्रखंड कोनार पंचायत में चयनित अभ्यर्थी मंजीव कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने का मामला अब भी विचारार्थ रखा है। जबकि इसी तरह के मामले में दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों का चयन को रद करते हुए कई के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है।

धरा रह गया डीएम का आदेश :

शिकायतकर्ता अवनीश कुमार के आवेदन पर चयनित संबंधित अभ्यर्थी के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधी डीएम का आदेश धरी रह गई है। न तो पंचायत सचिव ही आजतक जवाब देना उचित समझ पाया है न विभाग कोई कार्रवाई करने की मूड में दिख रहा है। अधिकारी तकनीकी पेच बता कार्रवाई करने से परहेज कर रहे हैं। जबकि मेधा सूची में छेड़छाड़ व फर्जी टेट प्रमाण पत्र पर चयनित दो दर्जन अभ्यर्थियों का चयन विभाग ने रद कर दिया है। वहीं काउंसिलिंग प्रक्रिया में पूरी तरह से अनियमितता बरते जाने की शिकायत को सही पाए जाने के बाद सदर प्रखंड के आकाशी व रामपुर पंचायत की काउंसिलिंग को रद करते हुए दोनों पंचायत के मुखिया व सचिव पर प्रााथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। मंजीव मामले में विभाग के चुप्पी साधने से लोग कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे हैं।

क्या है मामला :

जुलाई में विभिन्न तिथियों पर आयोजित काउंसिलिंग जिले के बड़हरी के रहने वाले मंजीव कुमार पिता सुग्रीव चौधरी का चयन सबसे पहले चेनारी प्रखंड के मध्य विद्यालयों में बेसिक शिक्षक के रूप किया गया। उसके दो दिन बाद पंचायत शिक्षक के तहत शिवसागर प्रखंड के कोनार पंचायत में दोबारा चयन किया गया। अब सवाल यह उठता है कि विभागीय निर्देश के आलोक में एक अभ्यर्थी एक ही स्थान पर काउंसङ्क्षलग में शामिल हो सकता था। क्योंकि चयन उपरांत अभ्यर्थियों के टेट समेत अन्य शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा कराने का निर्देश था। जब मंजीव का चयन चेनारी में पहले हुआ तो फिर कैसे कोनार में किस सर्टिफिकेट के आधार पर शामिल हो हुए।

कहते हैं अधिकारी :

डीएम धर्मेंद कुमार ने कहा कि दो जगह से चयनित अभ्यर्थी के विरूद्ध उचित कार्रवाई के लिए डीईओ को निर्देश दिया गया है। अभी तक कार्रवाई न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। संबंधित अधिकारी को फिर से स्मारित कर कृत कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन तलब की जाएगी।

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