बिहार शिक्षा विभाग के ई-लर्निंग दीक्षा पोर्टल से संस्कृत विषय हुआ गायब

बिहार शिक्षा विभाग के दीक्षा पोर्टल पर संस्‍कृत विषय नहीं दिख रहा। पांच सितंबर 2017 में भारत सरकार ने इसे लांच कर शिक्षकों के लिए राष्‍ट्रीय डिजिटल माध्‍यम उपलब्ध कराया गया था। पड़ोसी राज्यों के दीक्षा एप पर संस्कृत विषय उपलब्ध है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 03:51 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 03:51 PM (IST)
बिहार शिक्षा विभाग के ई-लर्निंग दीक्षा पोर्टल से संस्कृत विषय हुआ गायब
शिक्षकों व छात्र के लिए डिजिटल माध्‍यम से शिक्षा के लिए दीक्षा ई-लर्निंग पोर्टल लांच किया गया, सांकेतिक तस्‍वीर ।

रामगढ़ (भभुआ), प्रमोद तिवारी। बिहार की स्‍कूली शिक्षा के प्रारंभिक विषयों के पाठ्यक्रम से अनिवार्य विषय संस्कृत गायब हो गया है। देश के विभिन्न राज्यों में अनिवार्य विषय व भाषा के रुप में प्रतिष्ठित संस्कृत विषय बिहार के शिक्षा विभाग के दीक्षा पोर्टल से गायब है।  शिक्षा जगत के विद्वानों ने इसपर चिंता जताई है। इससे छात्रों में भी असंतोष का भाव बना हुआ है। स्मार्ट क्लास के दौरान पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम से संस्कृत गायब होने के कारण छात्र देश के इस प्राचीनतम व कई भाषाओं की जननी भाषा से अनभिज्ञ रह सकते हैं। अपनी राष्ट्रभाषा के साथ अनिवार्य भाषा का ज्ञान अर्जित नहीं करने का मलाल उनमें दिख रहा है। हालांक‍ि इस पर शिक्षा विभाग की खामोशी समझ से परे है।  मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने पांच सितंबर 2017 को दीक्षा पोर्टल diksha.gov.in लांच किया था। बिहार में दीक्षा एप वर्ष 2018-19 में स्मार्ट क्लास के लिए विद्यालयों को उपलब्ध कराए गए थे।

संस्‍कृत को छोड़कर कई भाषा में है अनुवाद

 दीक्षा पोर्टल समग्र शिक्षा के लिए बनाया गया है। दीक्षा एप का अनुवाद, फारसी, अरबी, बंगाली, अंग्रेजी, उर्दू व हिन्दी विषयों में है। लेकिन अनिवार्य विषय संस्कृत ही विलुप्त है। जबकि वर्ग नौवीं व दसवीं के छात्रों की पढ़ाई के लिए इस विषय को दीक्षा एप पर होना चाहिए। ताकि बोर्ड की परीक्षा से पहले इस अनिवार्य विषय का ज्ञान छात्रों को हो सके। बता दें कि बिहार में गणित विषय के बाद सबसे अधिक फेल होने वाले छात्र संस्कृत में ही होते हैं। अगर सरकार द्वारा अभी भी इस अनिवार्य विषय को दीक्षा एप से जोड़ा नहीं जा सका तो लाखों छात्र बोर्ड परीक्षा में इस विषय में फेल हो सकते हैं। वर्ष 2018 में यह एप बना, जिसके माध्यम से राज्य भर में शिक्षकों को निष्ठा प्रशिक्षण दिया गया। ताकि वे स्मार्ट क्लास के संचालन को सुचारू रुप से क्रियान्वित कर सके।

उल्‍लेखनीय है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लोगों पर संस्कृत विषय ही अंकित है। मजे की बात तो यह है कि अन्य पड़ोसी राज्यों के दीक्षा एप पर संस्कृत विषय अपलोड है।

क्या कहते हैं अधिकारी:

जिला शिक्षा पदाधिकारी सूर्यनारायण ने इस विषय पर गोलमोल जवाब दिया। कहा- मैं अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। आप डीपीओ से बात कर लीजिए। हम इस दीक्षा एप को अभी देखे ही नहीं। वहीं समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ अक्षय पांडेय ने बताया कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस विषय पर होमवर्क किया जा रहा है। सरकार के स्तर का मामला है। बैठक में वरीय पदाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया जाएगा।

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