कैमूर में जीटी रोड पर काल बन कर दौड़ रहीं बालू लदी गाड़ियां
बालू ढोने वाली गाड़ियां जीटी रोड पर काल बन कर दौड़ लगा रही हैं।
गया। बालू ढोने वाली गाड़ियां जीटी रोड पर काल बन कर दौड़ लगा रही हैं। इनकी मनमानी के आगे परिवहन व खनन विभाग के सारे कानून बौने साबित हो रहे हैं। ओवरलोड चलना, भीगा हुआ बालू ढोना, सड़क पर अवैध पार्किंग करना आदि जैसे तमाम अवैध कार्य ये गाड़ियां खुलेआम करती हैं। इसके बावजूद इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं होती। इसके चलते इनकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
बालू लदे ट्रक से ही हुई दुर्घटना :
शुक्रवार को कुदरा में गुरु नानक होटल पर हुई दुर्घटना का कारण भी बालू गाड़ी को ही बताया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम की ओर से तेज रफ्तार से आ रहे जिस ट्रक के अनियंत्रित होने की वजह से दर्दनाक दुर्घटना घटी उस पर सफेद बालू लदा हुआ था। आमतौर पर बालू बिहार से उत्तर प्रदेश में जाता है, लेकिन कहा जा रहा है कि सफेद बालू को औद्योगिक कार्य में इस्तेमाल करने के लिए उत्तर प्रदेश से लाया जाता है। चूंकि बालू का वजन अधिक होता है इसलिए अनियंत्रित ट्रक की वजह से जानमाल का काफी नुकसान हो गया। जिस ट्रक में उसने टक्कर मारी उसका चालक तो मरा ही, होटल भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया।
होटल खाली रहने के चलते बड़ा हादसा टला :
स्थानीय लोग बताते हैं कि यह संयोग था कि दुर्घटना के वक्त होटल के अंदर लोग नहीं थे, अन्यथा बहुत बड़ा हादसा हो जाता। स्थानीय लोग बताते हैं कि गुरु नानक होटल में खाना खाने वाले यात्रियों की काफी भीड़ होती है। अक्सर टूरिस्ट बस से यात्रा करने वाले लोग अपने वाहन को वहां खड़ा कर होटल में खाना खाते दिखते हैं। यदि दुर्घटना के वक्त यात्री होटल में रहते तो कितना अधिक नुकसान होता इस बात का अंदाजा लगाकर लोग सिहर उठते हैं।
दुर्घटना के अगले दिन भी नहीं हुई मृत चालक की पहचान :
इस बीच दुर्घटना अगले दिन भी मृत ट्रक चालक की पहचान नहीं हो पाई है। थानाध्यक्ष अजय कुमार कहते हैं कि उसके शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है लेकिन पहचान होना बाकी है। इस संबंध में जानकार लोग बताते हैं कि ऐसी स्थितियों में वाहन के कागजात के आधार पर फाइनेंसर या मालिक से संपर्क कर चालक का पता लगाया जा सकता है। बहरहाल यह दुर्घटना यहां चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों का कहना है कि बालू ढोने वाली गाड़ियों की मनमानी और उस खनिज के अवैध परिवहन को लेकर अब भी प्रशासन गंभीर नहीं हुआ तो भविष्य में इसका खामियाजा अधिक परिणाम में और समाज के हर तबके को उठाना पड़ेगा