सरकारी योजनाओं के लिए नहीं मिल रहा बालू, आम लोग भी परेशान, अफसरों पर ऊपर वाले अब भी मेहरबान
प्रशासन ने दावा किया है कि बिहार में बालू की कोई कमी नहीं है। फिलहाल यह हवा हवाई साबित हो रहा है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र ङ्क्षसह कहते है कि प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए।
जागरण संवाददाता, सासाराम। खनन विभाग की ओर से बालू बेचे जाने और उसके दर तय किए जाने के बाद भी सरकारी योजनाओं के लिए भी बालू नसीब नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण सरकार की विकास योजनाओं के साथ-साथ आम लोगों का निर्माण कार्य भी बालू के अभाव में ठप पड़ा है।
खनन विभाग की ओर से जिले के लिए 39050 रुपये का दर तय किया गया है। बालू उपलब्ध कराने की जवाबदेही खनन विभाग को है, बावजूद विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्टॉक का मिलान नहीं होने व कर्मियों की कमी का बहाना बना कर अभी तक टाल मटोल किया जा रहा है। बालू उपलब्ध नहीं होने के कारण आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। कालाबाजारी व अवैध खनन में लिप्त तस्कर काफी मंहगे दर पर बालू बेच रहे है।
सरकारी योजना के लिए छह हजार सीएफएटी भी नहीं मिला बालू
स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल एक के कार्यपालक अभियंता ने खनन पदाधिकारी रोहतास को विभागीय पत्र के माध्यम से सरकारी योजनाओं के कार्य निष्पादन के लिए 6000 सीएफटी बालू देने का अनुरोध किया था। सरकारी पत्र के बावजूद अब तक बालू उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों से प्रभारी खनन सहायक निदेशक गोपाल कुमार टाल-मटोल कर रहे है। कभी कोर्ट का हवाला तो कभी डीएम से निर्देश प्राप्त करने के नाम पर गतिरोध कायम है।
विभाग द्वारा जारी नंबर पर नहीं मिलती जानकारी
चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के सचिव विनोद टेकरीवाल कहते है कि खनन एवं भूतत्व विभाग की ओर रोहतास जिले के लिए जारी मोबाइल नंबर 8544412382 पर फोन करने पर सिर्फ रिंग होता है। कोई फोन उठाता भी नहीं है। कहा कि अपनी दुकान बनवाने के लिए बालू के सख्त आवश्यकता होने पर वह आधा दर्जन से अधिक बार विभाग द्वारा जारी किए गए नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु न संपर्क हो सका ना ही कार्यालय में कोई संतोषजनक जवाब मिल पाया। खान निदेशक ने जारी निर्देश में कहा था कि प्रभारी पदाधिकारी द्वारा ठोस व्यवस्था नहीं करने पर विभाग के नियंत्रण कक्ष 0612- 2215350 और 2215351 पर संपर्क कर शिकायत व सूचना दे सकते हैं।
डीएम द्वारा तय किया गया था बालू का दर
खान एवं भूतत्व विभाग ने डीएम द्वारा धर्मेंद्र कुमार निर्धारित बालू की कीमत 3950 रुपये प्रति सौ सीएफटी पर अपनी सहमति देते हुए इसकी उपलब्धता निर्धारित दर पर कराने की जवाबदेही जिला खनन कार्यालय को दी थी। जिसमें कहा गया था कि अगर किसी को बालू मिलने में परेशानी हो तो वे संबंधित जिला के जिला खनन कार्यालय के प्रभारी पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
प्रशासन ने दावा किया है कि बिहार में बालू की कोई कमी नहीं है। फिलहाल यह हवा हवाई साबित हो रहा है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र ङ्क्षसह कहते है कि प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए। बालू की कमी से मजदूर वर्ग बेरोजगारी का दंश झेल रहा है।