Rohtas: प्रवासी कामगारों को प्रशिक्षण दे जिले में किया जा रहा रोजगार सृजन, पांच कलस्‍टरों का कराया निर्माण

श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश ने बताया कि रोजगार सृजन केंद्र पर प्रवासी तकनीकी कामगारों के आधे अनुपात में स्थानीय तकनीकी कामगार भी इस केंद्र पर आकर काम कर रहे हैं। जिसका व्यापक रूप से प्रचार प्रसार के लिए जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दिया गया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 10:22 AM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 10:22 AM (IST)
Rohtas: प्रवासी कामगारों को प्रशिक्षण दे जिले में किया जा रहा रोजगार सृजन, पांच कलस्‍टरों का कराया निर्माण
प्रवासी कामगारों को स्‍वरोजगार के लिए दी जा रही ट्रेनिंग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सहयोगी, डेहरी ऑन-सोन (सासाराम)। रोहतास जिले में प्रवासी कामगारों को प्रशिक्षण दे रोजगार सृजन किया जा रहा है। जिले में लॉकडाउन के दौरान में श्रम संसाधन विभाग से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक यहां आए 157 प्रवासी कामगारों में से 83 को श्रम संसाधन एवं जिला उद्योग विभाग के माध्यम से प्रखंडों में कलस्टर निर्माण कर रोजगार सृजन किया गया है।

50 लाख रुपए की लागत से पांच कलस्टर का निर्माण कर मिट्टी के बर्तन, जूता चप्पल बैग आदि चमड़े की सामग्री, पेवर ब्लॉक, टेलरिंग समेत कई प्रकार के समूह में रोजगार मुहैया कराया गया है। हालांकि, सरकारी आंकड़े से कई गुना मजदूर इस जिले में आए थे। जिन्हें सरकारी योजनाओं में कार्य नही मिल पाने के कारण ऑनलाक के बाद पुनः रोजगार के लिए अन्य प्रांतों में वापस लौटना पड़ा।

श्रम संसाधन विभाग के अनुसार 83 मजदूर जो स्किल्ड थे, उन्हें उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के पास खुर्जा नमक जगह पर केंद्र सरकार के ग्रामीण मजदूर प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण दिलाया गया है। जो कारपेंटर,जूता चप्पल निर्माण, पेवर ब्लॉक,लकड़ी की सामग्री समेत अन्य सामग्री का निर्माण कर खुद का रोजगार शुरू कर दिए हैं। प्रवासी मजदूर को निर्माण सामग्री के लिए कच्चा माल जिला उद्योग विभाग उपलब्ध करा रहा है।

जिला में पांच कलस्टरों का किया गया है निर्माण

इस संबंध में जिला उद्योग विभाग के प्रबंधक संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि विभिन्न प्रांतों से आए हुए तकनीकी जानकार प्रवासी कामगारों को रोजगार के लिए राज्य सरकार द्वारा योजना की शुरुआत की गई है। जिसके तहत संझौली में टेलरिंग एवं फुट वेयर, दिनारा में पेवर ब्लॉक, बिक्रमगंज में कारपेंटिंग, अकोढ़ीगोला में मशीन से मिट्टी के बर्तन बनाने की व्यवस्था की गई है।

जहां प्रवासी कामगार अब अपने घर पर रहकर ही रोजगार सृजन कर रहे है। यहां बनी सामग्रियों की बिक्री के लिए जिला उद्योग विभाग एवं श्रम संसाधन विभाग समेत माध्यमों से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, ताकि कलस्टर क्षेत्र में सामग्री का विक्रय और कामगारों को उसका लाभ प्राप्त हो सके। इन सभी पांच कलस्टरों पर बेहतर क्वालिटी के जूता, चप्पल, पलंग, कुर्सी, टेबल, मिट्टी के बर्तन समेत अन्य सामग्री का निर्माण किया जाता है, जिसे सस्ते दर पर बेची जाती है।

अनुश्रवण के लिए बनी है चार सदस्यीय कमेटी

इस योजना के अनुश्रवण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक संजय कुमार सिन्हा समेत चार अधिकारी की समिति बनाई गई है। जो समय समय पर इस योजना को क्रियान्वित करते हुए अनुश्रवण और मूल्यांकन करती है, ताकि अधिक से अधिक प्रवासी तकनीकी जानकार कामगारों को रोजगार उपलब्ध हो सके।

कहते हैं अधिकारी

श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश ने बताया कि रोजगार सृजन केंद्र पर प्रवासी तकनीकी कामगारों के आधे अनुपात में स्थानीय तकनीकी कामगार भी इस केंद्र पर आकर काम कर रहे हैं। जिसका व्यापक रूप से प्रचार प्रसार के लिए जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दिया गया है। अन्य माध्यमों से भी इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी पांच केंद्रों पर दस-दस लाख रुपए के हिसाब से 50 लाख रुपए की मशीन, कच्चा माल समेत मजदूरों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने में व्यय किया गया है। अभी तक संझौली ,दिनारा, बिक्रमगंज, अकोढ़ीगोला में स्थापित केंद्र पर 48 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। उसमें कार्यरत 83 कामगार अपने परिवार के साथ घर में रहकर जीविका चला रहे हैं। शेष प्रवासी कामगार अन्य जगहों पर मजदूरी कर रहे हैं या फिर लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अन्य प्रांतों में कार्य करने के लिए चले गए हैं।

प्रवासी कामगार का प्रखंडवार आंकड़ा

चेनारी 15 श्रमिक, नासरीगंज सात, आकोड़ीगोला नौ, रोहतास तीन, काराकाट तीन, कोचस तीन, सझौली सात, दावत सात, डेहरी दस, राजपुर 12 ,नोखा 15, शिवसागर सात, तिलौथू दस, सासाराम नौ, बिक्रमगंज 13, नौहट्टा छह, सूर्यपुरा पांच, करगहर छह, दिनारा पांच, कोचस तीन, नोखा दो समेत कुल 157 शामिल हैं।

इतने को मिले रोजगार

अकोढ़ीगोला नौ, डेहरी दस, संझौली सात, बिक्रमगंज 13, दिनारा पांच, रोहतास दो, काराकाट तीन, दावत सात, राजपुर 12, नोखा 15 शामिल हैं।

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