गया में ऑनलाइन दाखिल खारिज में आई कमी, तीन साल में मात्र 20 हजार आवेदनों का हुआ निष्पादन
रैयती जमीन की दाखिल खारिज कराने में भू-स्वामी को तनिक भी परेशानी का सामना करना नहीं पड़े। इसके लिए सरकार ने ऑन लाइन दाखिल खारिज करने की शुरूआत की गई। चंदौती ब्लॉक में वर्ष 2017 में आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा सेंटर खोला गया।
जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। रैयती जमीन की दाखिल खारिज कराने में भू-स्वामी को तनिक भी परेशानी का सामना करना नहीं पड़े। इसके लिए सरकार ने ऑन लाइन दाखिल खारिज करने की शुरूआत की गई। चंदौती ब्लॉक में वर्ष 2017 में आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा सेंटर खोला गया, जहां दाखिल खारिज के लिए गया सदर का ऑन लाइन आवेदन आने लगा। तीन साल में 35167 आवेदन दाखिल खारिज के लिए आया। जिसमें 20741 आवेदन दाखिल खारिज कर मालगुजारी रसीद के साथ भू-स्वामी को थमा दिया गया। 7140 आवेदन की दाखिल खारिज कई कारणों से नहीं हुई, जबकि 7286 आवेदन की दाखिल खारिज कराने की प्रक्रिया चल रही है।
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
अगर आप किन्हीं से जमीन की खरीदे हैं और आप को दाखिल खारिज करानी है तो राजस्व कर्मचारियों के पास चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। विक्रेता का केवाला और रसीद के साथ घर बैठे ही ऑन लाइन आवेदन कर दें। आप का आवेदन डाटा सेंटर में पहुंच जाएगा। अगर आपके आवेदन में किसी तरह का आपती नहीं रहा तो 30 दिन में दाखिल खारिज करके मालगुजारी रसीद के साथ मिल जाएगा। आवेदन में आपती यानी जमा बंदी सुधार नहीं रहने पर 62 दिन समय लगेगा।
बगैर सलामी के होते दाखिल खारिज
अंचल कार्यालय में शुक्रवार को पहुंचा तो कई लोग दाखिल खारिज के लिए ऑन लाइन करने वालों से भेंट हुई। उक्त लोग कहने लगे कि दाखिल खारिज के लिए ऑन लाइन करने के बाद आवेदन राजस्व कर्मचारी के पास पहुंचता। जहां कोई न कोई कारण लगाकर पेंडिंग कर दिया जाता। आवेदक को दाखिल खारिज कर मालगुजारी रसीद के सौंप दिया जाता।
अंचालिधकारी राजीव कुमार रंजन ने बताया कि दाखिल खारिज के लिए ऑन लाइन आवेदन करने के बाद किन्हीं से मिलने की जरूरत नहीं है। निर्धारित समय पर आवेदक को दाखिल खारिज कर दिया जाएगा। अगर कोई राजस्व कर्मचारी से मिलते हैं तो उन्हें मना भी नहीं किया जा सकता है।