कंपनी मालिकों का आया परवाना, परदेस के लिए प्रवासी हुए रवाना

सुभाष कुमार गया। कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के लंबा खिंचने के बाद घरों व परदेस मे रहे प्रवासी अब लौटने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:19 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 06:17 AM (IST)
कंपनी मालिकों का आया परवाना, परदेस के लिए प्रवासी हुए रवाना
कंपनी मालिकों का आया परवाना, परदेस के लिए प्रवासी हुए रवाना

सुभाष कुमार, गया। कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के लंबा खिंचने के बाद घरों व परदेस में फंसे प्रवासियों का आवागमन तेज हो गया है। कोई मजदूरी करने हरियाणा-पंजाब जा रहा तो कोई दिल्ली। किसी को कंपनी मालिक ने संदेश भिजवा टिकट बुक कराया तो वे घर छोड़ रवाना हो रहे तो कोई खुद ही टिकट बुक करा ट्रेन से जाता मिला। ट्रेनों में आ-जा रहे प्रवासियों में कुछ तो ऐसे भी हैं, जो डेढ़-दो महीने से परदेस में फंसे थे। स्थिति सामान्य हुई तो वह लौटने लगे हैं। गुरुवार को गया जंक्शन से जा रही पुरुषोत्तम व पूर्वा एक्सप्रेस की रवानगी के दौरान कुछ प्रवासियों से बात हुई तो ऐसा ही परिदृश्य सामने आया।

ओडिशा के पुरी से नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे गया जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर रुकी तो दर्जनों प्रवासी दिल्ली के लिए रवाना होते दिखे। कुछ लोगों से बात की गई तो ज्यादातर का यही कहना था कि कई दिनों से घर में फंसे थे, बाहर जाकर कमाएंगे नहीं तो परिवार का गुजारा कैसे होगा? कुछ लोग ऐसे भी मिले जो लॉकडाउन के बीच जैसे-तैसे घर आ गए थे, लेकिन कोई काम नहीं मिलने के बाद मजबूरन परदेस के लिए रवाना हो रहे थे।

शेरघाटी प्रखंड के भुसभुसिया गांव के रहने वाले सात लोग एक समूह में दिल्ली जा रहे थे। इसमें शामिल सीताराम मंडल, टेनी, विलास चौधरी, नरेश चौधरी, शंभू कुमार व अन्य ने बताया कि वे हरियाणा के गुरुग्राम से कंपनी मालिक के बुलावे पर जा रहे हैं। इन सभी का पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के एस-11 व 12 कोच में टिकट आरक्षित था। कुछ का टिकट कंफर्म था तो कुछ का आरएसी रह गया था। खास बात यह रही कि इनका टिकट कंपनी मालिक ने ही मोबाइल पर भेजा था। स्टेशन पर आरपीएफ जवानों ने टिकट देखा तो कुछ के वेटिंग होने की बात कहकर ट्रेन में चढ़ने से रोक दिया। इस कारण सात में चार लोग ही गए, तीन को लौटना पड़ा। इन लोगों ने बताया कि वे होली के पहले घर आए थे, कई दिनों से घर में फंसे थे। लॉकडाउन खत्म हुआ तो मालिक ने संदेश भिजवाया और टिकट कराया तो वे लोग जा रहे हैं।

कुछ ही देर बाद हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस आई तो उसमें भी बड़ी संख्या में प्रवासी गया से चढ़े। झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के गेरुआ करिहारा गांव के राजेश भुइयां ने बताया कि वह लुधियाना में सब्जी मंडी में काम करता था। लॉकडाउन में पांच अप्रैल को घर आए थे। क्वारंटाइन में रहने के बाद घर पर रहे। इसी बीच आर्थिक तंगी हुई तो बेटे ने दिल्ली तक का टिकट बुक करा दिया। अब वहां से लुधियाना जाएंगे। पूर्वा एक्सप्रेस में ही सवार हुए बोधगया के साकेत कुमार ने बताया, वह अपनी नौकरी पर नहीं जा सके थे। अब स्थिति सामान्य हुई तो दिल्ली जा रहे हैं। बताया कि उन्होंने लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) कंपनी में ऑनलाइन फॉर्म भरा था। वहां से बुलावा था, पर नहीं जा सके थे। वहीं प्रवासियों के सुरक्षित सफर के लिए स्टेशन पर मुख्य वाणिज्य पर्यवेक्षक रंजीत कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर एएस सिद्दीकी, एसआइ विक्रमदेव सिंह, नरेद्र सिंह, सुभाष चंद्र सहित अन्य जवान तैनात मिले। टिकट बुक करा मोबाइल पर मैसेज भेज रहे कंपनी मालिक व दलाल :

पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे प्रवासी श्रमिकों में ज्यादातर निरक्षर या कम पढ़े-लिखे मिले। पूछने पर बताया कि उन लोगों को टिकट कंपनी मालिक ने किसी दलाल के जरिये बुक कराकर मोबाइल पर भेजा था। पहले उनसे मजदूरी के इच्छुक कुछ लोगों को नाम मांगा था। नाम बताने के बाद सभी का टिकट बुक करा भेजा गया। इन लोगों के पास मोबाइल में स्क्रीन शॉट के माध्यम से टिकट था। दो महीने से फंसे थे कटक में, ट्रेन चली तो गए अयोध्या :

पुरी से नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में कटक से सवार हुए विजय कुमार, संजय, कमल व नरेंद्र ने बताया कि वे लोग ईट-भट्ठे पर काम करते हैं। दो महीने से कटक में ही फंसे थे। ट्रेन चलने लगी तो मालिक ने इलाहाबाद तक का टिकट बुक करा दिया। अब वहां से अयोध्या जिले के बीकापुर तहसील के कनक मलेथू गांव स्थित अपने घर चले जाएंगे। कहा, लॉकडाउन में मालिक ने ख्याल रखा, उन लोगों को खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं हुई।

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