ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी पालिए, कम लागत और मेहनत में होगी अच्छी आमदनी, ऐसे लें प्रशिक्षण
बकरीपालन स्वरोजगार की दृष्टि से काफी फायदेमंद है। कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर की ओर से बकरी पालन का प्रशिक्षण नए साल में दिया जाएगा। इसके लिए ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां मंगवाई गई हैं। ये गया के मौसम के अनुकूल हैं।
जासं, गया। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए नए साल में कई पहल की जाएगी। इस क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र में बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बताया जाएगा कि इससे कितनी आमदनी होगी और कैसे होगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए युवाओं को कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर में जाकर निबंधन कराना होगा।
शेड में होगा बकरी का पालन
बकरी पालन के कई गुर प्रशिक्षणार्थियों को सिखाए जाएंगे। मसलन शेड का निर्माण कैसे किया जाएगा। उसमें बकरी कैसे पलेगी। इसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा। शेड में रहने बाले बकरी को कौन सा भोजन खिलाएगें कि वह काफी तेजी से बढे । इसकी भी जानकारी दी जाएगी। बकरियों को बीमार होने पर प्राथमिक उपचार करने, टीका लगाने के बारे में भी बताया जाएगा।
गया के लिए ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी
कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि ऐसे तो बकरी चार नस्ल की होती हैं। लेकिन मौसम और जलवायु के अनुकूल गया के लिए ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी मुफीद रहेगी। इनका पालन करना काफी बेहतर होगा। यह काफी तेजी से बढे़गी और आमदनी भी काफी अच्छी होगी। कृषि विज्ञान केंद्र में शेड बनाकर ब्लैक बंगाल नस्ल की 28 बकरियों को प्रशिक्षण के लिए रखा गया है। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को प्रैक्टिकल करके सिखाया जाएगा। दस बकरी और एक बकरा से रोजगार शुरु करने के बाद धीरे-धीरे बकरी की संख्या बढ़नी शुरु हो जाएगी। फिर तो कई शेड की जरूरत पड़ेगी। प्रशिक्षण के दौरान कई अन्य योजनाओं से भी रूबरू कराया जाएगा।
वैज्ञानिक बताते हैं कि ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी की मांग काफी है। इसका पालन करने वाले युवाओं को बिक्री के लिए सोचना नहीं पडेगा। केवल बकरी खरीदने वालों को जानकारी होने की जरुरत है।