कचरे की निगरानी को ले घरों में लगेगा क्यूआर कोड

गया घरों से कचरा लिया गया है कि नहीं। इस पर अब क्यूआर कोड (मैट्रिक्स बारकोड) से निगरानी होगी। नगर निगम क्यूआर कोड की प्लेट शहर में स्थित घरों के बाहर लगाया जाएगा। कचरा एकत्र करने वाला सफाईकर्मी क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 12:46 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 12:46 AM (IST)
कचरे की निगरानी को ले घरों में लगेगा क्यूआर कोड
कचरे की निगरानी को ले घरों में लगेगा क्यूआर कोड

गया : घरों से कचरा लिया गया है कि नहीं। इस पर अब क्यूआर कोड (मैट्रिक्स बारकोड) से निगरानी होगी। नगर निगम क्यूआर कोड की प्लेट शहर में स्थित घरों के बाहर लगाया जाएगा। कचरा एकत्र करने वाला सफाईकर्मी क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे। इससे पता चला जाएगा कि घर से कूड़ा उठा कि नहीं। इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाए जाएंगे। उक्त बातें सोमवार को डंपिग यार्ड ग्राउंड का मुआयना के दौरान मेयर वीरेंद्र कुमार एवं डिप्टी मेयर अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से कहीं।

सोमवार को डंपिग ग्राउंड का जायजा लेने मेयर, डिप्टी मेयर एवं नगर आयुक्त सावन कुमार पहुंचे थे। जहां कचरा निष्पादन के लिए निर्माणाधीन कार्य को देखने पहुंचे। डिप्टी मेयर ने कहा कि नगर निगम शहर से निकलने वाला कचरा का निष्पादन को लेकर काफी गंभीर है।यही कारण है कि नैली डंपिग ग्राउंड में कचरे का पहाड़ को समतल बनाया गया है। जिसमें जल्द ही प्लांट लगा दिया जाएगा। कोरोना काल में भी कार्य युद्ध स्तर से की जा रही है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे का निष्पादन करने कार्य डंपिग ग्राउंड में पांच अप्रैल से चल रहा है। कचरे से निकलने वाले कपड़े से रस्सी, गिला से खाद्य व ईंट बनाने की भी कार्ययोजना है। जिसे बाजार में बेचा जाएगा। कचरे का निष्पादन को लेकर नगर निगम द्वारा निविदा निकाली गई थी। जिसमें भोपाल के एक संस्था को निविदा मिला था। कचरे का निष्पादन कार्य 28 करोड़ रुपये की राशि किया जा रहा है। दो महीने में 75 प्रतिशत कचरे का समतल कर दिया गया है। शेष निष्पादन के लिए कई जेसीबी एवं पोकलेन मशीन लगाया गया है।

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1987 से डंपिग ग्राइड में जमा रहा कचरा नैली स्थित डंपिग ग्राउंड में 1987 से कचरा को जमा किया जा रहा है। 33 वर्षो से कचरे का पहाड़ लगा था। काफी समय हो जाने से कचरा मिट्टी में बदल गया है। मिट्टी से गढ्ढा का भरा जा रहा है। जबकि कचरे से निकलने वाले प्लास्टिक, शीशा, बोतल, लोहा आदि सामग्री को अलग रखा जा रहा है। प्लास्टिक से रस्सी बनाने के साथ शीशा, बोतल को रिसायक्लिगं किया जाएगा।

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शहर से 289 टन निकलता है कचरा डंपिग ग्राउंड में कचरे का निष्पादन को लेकर जल्द प्लांट लगा दिया जाएगा। निर्माण कार्य तेजी गति से की जा रही है। जिसके लिए जमीन को समतल किया कर दिया गया। प्लांट में सूखा कचरा को रिसायक्लिग किया जाएगा। साथ ही गीला कचरा से जैविक खाद तैयार किया जाएगा। एक दिन में तीन सौ टन कचरा का निष्पादन होगा। जबकि शहर से प्रत्येक दिन 289 टन कचरा निकलता है। प्लांट लगने के बाद शहर निकलने वाले कचरा का निष्पादन प्रत्येक दिन हो जाएगा। जिससे डंपिग ग्राउंड में कचरे का ढेर नहीं होगा।

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डंपिग ग्राउंड को समतल किया जा रहा जमीन अभी डंपिग ग्राउंड में कचरे से बने मिट्टी से जमीन को समतल कर दिया गया है। इसके आलवा सड़क का निर्माण कर दिया गया है। प्लांट के लिए कई मशीन आना भी शुरू हो गई है। जिससे गीला एवं सूखा कचरे का निष्पादन किया जाएगा। वहीं ग्रांउड को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए जगह-जगह पार्क भी बनाए जाएंगे। चारों ओर चार दिवारी एवं शेड का निर्माण कराने का भी कार्य योजना है। इसके आलवा दोनो ओर से प्रवेश व निकासी द्वार बनाया जाएगा। मौके पर पार्षद विनोद कुमार, जितेंद्र कुमार, राजेश कुमार, सफाई प्रभारी शैलेंद्र सिन्हा सहित अन्य मौजूद थे।

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