Gaya: विष्‍णुपद श्‍मशान घाट पर बेटी ने निभाया पुत्र का फर्ज, नम आंखों से पिता को दी मुखाग्नि

गया के स्‍कूल निदेशक पीपी मौर्य के निधन पर उनकी पुत्री स्‍पृहा ने विष्‍णुपद श्‍मशान घाट पर पहुंचकर मुखाग्नि दी। पिता को मुखाग्नि देते समय वह बिलखकर रो पड़ी। मालूम हो कि निजी स्‍कूल संचालक का निधन 13 मई को हो गया था।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 08:41 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 08:41 PM (IST)
Gaya: विष्‍णुपद श्‍मशान घाट पर बेटी ने निभाया पुत्र का फर्ज, नम आंखों से पिता को दी मुखाग्नि
पिता को मुखाग्नि देतीं पुत्री स्‍पृहा सोनल। जागरण

गया, जागरण संवाददाता। कोरोना की वजह से कई परंपराएं ध्‍वस्‍त हो गई हैं। सामाजिक बदलाव वाली कई नई परंपराओं का जन्‍म हुआ है। इनमें ही एक है कि अब तक हिंदू धर्म में वर्जित माने वाली अंत्‍येष्टि। इसे अब बेटी-बहू भी निभा रही हैं। कुछ ऐसा ही हुआ ग्रीन फील्ड इंग्लिश स्कूल के निदेशक प्रभुनंदन प्रसाद मौर्य के साथ। उनका निधन 13 मई को हो गया।दाह संस्कार विष्णुपद स्थित गया श्मशान घाट पर किया गया। पुत्र का फर्ज उनकी पुत्री स्पृहा सोनल ने निभाया। पिता की चिता को स्‍‍‍‍‍‍पृहा ने मुखाग्नि दी। 

विष्‍णुपद श्‍मशान में पुत्री ने दी मुखाग्नि 

नम आंखों से बेटी को पुत्र का फर्ज निभाते देखकर लोगों ने इसकी जमकर सराहना की। कहा कि भले कोरोना की वजह से मानवता खतरे में है लेकिन इसने सामाजिक बदलाव को नई दिशा भी दे दी है। बेटे-बेटी का अंतर मिट रहा है। कहीं बेटियां अंत्‍य‍ेष्टि कर रही हैं तो कहीं बहू और कहीं पत्‍नी। इधर प्रभुनंदन प्रसाद माैर्य के निधन पर लोगों ने शोक जताया है। कहा कि उनके असमायिक निधन से शिक्षा क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति हुई है।

शिक्षा के क्षेत्र में दिया अहम योगदान 

प्रभुनन्दन प्रसाद मौर्य 1969 से विद्या विकाश विद्यालय के माध्यम से शिक्षा का अलख जगा रहे थे। 1992 में ग्रीन फील्ड इंग्लिश स्कूल के रूप में सीबीएसई दिल्ली से स्‍कूल को दसवींं की मान्यता मिली। 1996 में भूसंडा के निकट गंधार पहाड़ी की तलहटी में शिलान्यास किया गया था। 1996 में CBSC से प्‍लस टू की मान्‍यता मिली।  इनके निधन से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्षति हुई है। इनके असमायिक निधन पर दुख व्यक्त करने वालों में विद्यालय के प्राचार्य सुभाष कुमार, धर्मेश कुमार, पत्रकार जितेंद पुष्प, विजय कुमार, कुमार रुद्र प्रताप,नवलेश वर्थवार, पंकज कुमार,सुनील सौरभ, प्रदीप कुमार रंजन, अयोध्या प्रसाद, कमलेश वर्मा, अनिल मेहता, उदय प्रसाद, अरुण चौरसिया, रामकुमार मेहता, विजय मेहता, प्रमोद कुमार, बबलू मेहता, महादेव प्रसाद, आरएस नागमणि, प्रमोद कुमार आदि शामिल हैँ।

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