औरंगाबाद में अतिक्रमण करने वालों पर एक्शन की तैयारी, पांच हजार से 20 हजार तक वसूला जाएगा जुर्माना

औरंगाबाद में नाली पर अतिक्रमण करने वालों लोगों के खिलाफ नगर परिषद एक्शन लेने की तैयारी में जुट गया है। 20 लोगों को नोटिस जारी किया है। जानकारी के मुताबिक नाली पर स्थाई अतिक्रमण करने वालों से 20 हजार तक का जुर्माना वसूला जाएगा।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 02:34 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 02:34 PM (IST)
औरंगाबाद में अतिक्रमण करने वालों पर एक्शन की तैयारी, पांच हजार से 20 हजार तक वसूला जाएगा जुर्माना
औरंगाबाद में नाली पर अतिक्रमण करने वालों पर होगी कार्रवाई। सांकेतिक तस्वीर

(दाउदनगर) औरंगाबाद, संवाद सहयोगी। नगर परिषद ने सरकारी नाली का अतिक्रमण कर रोड को संकरा करने के मामले में 22 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है। करीब इतने ही और व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है जिन्हें नोटिस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। बीते दिन शहर में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था। तब कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने कहा था कि आने वाले दिनों में अतिक्रमण हटाने का काम जोर-शोर से चलेगा। अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब नगर परिषद अतिक्रमण को लेकर गंभीर हुआ है और सख्त हुआ है। उसने 22 व्यक्तियों को नोटिस भेजा है।

पांच हाजर जुर्माना वसूलने की तैयारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार कहा गया है कि नोटिस मिलने के बाद स्वत: अतिक्रमण हटा लें अन्यथा यदि नगर परिषद अतिक्रमण हटाएगा तो उसके लिए आर्थिक दंड लगाया जाएगा। सिटी मैनेजर मो. शफी ने बताया कि अस्थाई अतिक्रमण करने वालों से पांच हजार जुर्माना राशि वसूली जाएगी, जबकि स्थाई अतिक्रमण करने वालों से 20 हजार रुपये की वसूली की जाएगी। जिन व्यक्तियों को नोटिस जारी किया गया है उसमें विक्की कुमार, विशाल कुमार, संजय कुमार, विश्वनाथ साव, कलेश्वर प्रजापति, दीनानाथ प्रजापति, सागर सिंह, रामधनी भगत, अशोक कुमार, ब्रह्मदेव चौधरी, सुरेंद्र कुमार सिंह, अभिनव कुमार, महादेव प्रसाद, ब्रह्म देव प्रसाद, बिहारी प्रसाद, मुंशी साव, मोहम्मद रमजान अंसारी, राकेश कुमार, सतीश कुमार, पिंटू कुमार सहित शामिल हैं।

नाली का अतिक्रमण मजबूरी नहीं प्रवृत्ति 

शहर में दुकानदार यह समझते हैं कि नाली के आगे सड़क के कुछ हिस्से तक दुकान का सामान सजा देने से ग्राहक अधिक आएंगे। इसलिए वे अतिक्रमण करते हैं और नाली के बाद भी सड़क पर काफी आगे तक दुकान का सामान सजा देते हैं। यह किसी मजबूरी के तहत नहीं बल्कि प्रवृत्ति के कारण किया जाता है। इस सोच के कारण कि ऐसा करने से अधिक ग्राहक आएंगे।

बार-बार हटाया जाता है अतिक्रमण

शहर में बार-बार अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाता है। कभी नगर परिषद के द्वारा तो कभी अनुमंडल प्रशासन की तरफ से। लेकिन स्थिति है कि बदलती नहीं। दुकानदार सुधरने के लिए तैयार नहीं है। जब भी अतिक्रमण की स्थिति अधिक गंभीर होती है लोग प्रशासन से शिकायत करते हैं। आवागमन प्रभावित होता है। इसके बाद फिर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलता है। कुछ दिन स्थिति सुधरती है और फिर से वही स्थिति हो जाती है। 

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