PitruPaksha 2021: पितृपक्ष को लेकर विष्णुपद क्षेत्र बदला उत्सवी माहौल में, आज से होगा कर्मकांड
पितृपक्ष सोमवार से प्रारंभ हो जाएगा। जिसके कारण विष्णुपद क्षेत्र पूरी तरह से उत्सवी में बदल गया है। विष्णुपद मंदिर परिसर से लेकर देवघाट तक कई तरह के दुकानें खुल गयी है। क्योंकि पिडदानियों की सबसे अधिक संख्या पितृपक्ष में देवघाट पर रहता है।
गया, जागरण संवाददाता। पितृपक्ष सोमवार से प्रारंभ हो जाएगा। जिसके कारण विष्णुपद क्षेत्र पूरी तरह से उत्सवी में बदल गया है। विष्णुपद मंदिर परिसर से लेकर देवघाट तक कई तरह के दुकानें खुल गयी है। क्योंकि पिडदानियों की सबसे अधिक संख्या पितृपक्ष में देवघाट पर रहता है। पिंडदानियों को हर सुविधा मुहैया कराने में जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन कोई कोर-कर नहीं छोडऩे का प्रयास कर रहा है। देवघाट पर कर्मकांड को लेकर पंडा समाज द्वारा एक बड़ा वाटर प्रूफ पंडाल लगाया जा रहा है। जिसमें आराम से बैठकर पिंडदानी कर्मकांड कर सकते है। साथ ही साफ-सफाई का काम काज भी काफी तेज गति से चल रहा है। सफाई कार्य दो चरण में किया जा रहा है। जिसमें 60 सफाई कर्मियों को नगर निगम ने लगा रखा है। स्नान करने के लिए झरना का चालू किया जा रहा है। वहीं रोशनी को लेकर देवघाट पर खराब पड़े एलइडी लाइट का ठीक किया गया है। रात में दूधिया रोशनी से घाट जगमग करते रहेगा। जिससे पिंडदानियों को किसी तरह के परेशानी नहीं हो। फल्गु नदी में लाइट लगाने का काम चल रहा है। साथ ही घाट पर स्थित सभी शौचालय चालू कर दिया गया है। पेयजल के लिए तीन वाटर एटीएम भी चालू कर दिया गया है। जिससे तीर्थयात्री को शीतल और शुद्ध जल मिल सके। देवघाट पर सभी तैयारी पूरी है। जहां सोमवार से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ एक पखवारे का कर्मकांड पिंडदानियों द्वारा किया जाएगा।
उतर मानस पिंडवेदी पर चल रही तैयारी
शहर में स्थित मुख्य पिंडवेदी में उतर मानस भी एक ङ्क्षपडवेदी है। जहां एक प्राचीन सरोवर स्थित थे। सरोवर के प्रवित्र जल से पिंडदानी अपने पितरों की मोक्ष की कामना को लेकर तर्पण एवं ङ्क्षपडदान करते है। पितृपक्ष को लेकर सफाई का काम किया जा रहा है। जबकि सरोवर का सुदंरीकरण काम हृदय योजना से किया गया है। जिससे सरोवर देखने में काफी सुंदर लगता है।
सीताकुंड पिंडवेदी पर सफाई की जरूरत
विष्णुपद मंदिर के ठीक सामने फल्गु नदी के पूर्वी तट पर सीताकुंड ङ्क्षपडवेदी है। जहां माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ को बालू का पिंड दी थी। मुख्य पिंडवेदियों से एक सीताकुंड भी है। पितृपक्ष में पिंडदानियों को जमावड़ा लगता है। लेकिन सफाई व्यवस्था की थोड़ी और जरूरत है। क्योंकि फल्गु पट स्थित घाट पर गंदगी पसरा हुआ है।
अक्षयवट पिंडवेदी पर सभी व्यवस्था ठीकठाक
पितृपक्ष को लेकर अक्षयवट ङ्क्षपडवेदी पर सभी व्यवस्था ठीक ठाक देखा गया है। सफाई के साथ-साथ पेयजल के जिए बने प्याऊ से पानी चल रहा था। साथ ही डीलक्स शौचालय भी पूरी तरह से साफ-सुथरा था। वहीं कर्मकांड को लेकर बने शेड का सफाई पूरी तरह से किया गया है। जिससे पिंडदानियों को कर्मकांड करने में किसी तरह के परेशानी नहीं हो।