सड़क पर पड़े स्थायी निशान, संकट में राहगीरों की जान, लेकिन विभाग और प्रशासन बना हुआ है अंजान
गया के परैया प्रखंड स्थित मुख्य बाजार से गुजरने वाली सड़क बनने के साथ ही परेशानी का कारण बनती जा रही है। गया से परैया व गुरारू होकर रफीगंज तक जाने वाली सड़क के निर्माण की गुणवत्ता देख लोग चिंतित हैं।
संवाद सूत्र, परैया (गया)।परैया प्रखंड स्थित मुख्य बाजार से गुजरने वाली सड़क बनने के साथ ही जिस तरह का रूप ले रही है वह लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। गया से परैया व गुरारू होकर रफीगंज तक जाने वाली सड़क के निर्माण की गुणवत्ता देख लोग चिंतित हैं। बाजार से गुजरने वाली सड़क निर्माण के क्रम में वाहन और राहगीरों के लिए खुली रही। कई ऑटो, बाइक व पैदल राहगीर पीसीसी ढलाई के बाद गुजरते रहे। परिणाम हुआ कि सड़क पर छोटे-बड़े वाहनों के पहिये के निशान बनते गए। इनकी मरम्मत नहीं हुई तो ये स्थायी रूप ले चुके हैं। ऐसे में जब साइकिल, बाइक या स्कूटी सवार इधर से गुजरते हैं तो पीसीसी पर बनीं लकीरें, उनके लिए मुसीबत का सबब बन जाती हैं। कई बार तो जिंदगी की डोर पर सड़क की लकीर भारी पड़ जाती है।
रैंप की जगह भर दी मिट्टी, हिचकोले खाते गुजरतीं एंबुलेंस
इसके अलावा स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जोड़ने वाली सड़क में नाला निर्माण के बाद रैंप बनाना था। लेकिन वहां रैंप के नाम पर मिट्टी गिराकर छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों ने उसे दुरुस्त तो किया लेकिन गंभीर रोगियों को उधर से ले जाने में काफी परेशानी होती है। एंबुलेंस हिचकोले खाते गुजरती हैं। सड़क की स्थिति खराब होते हुए भी संवेदक ने निर्माण कार्य को इसी तरह पूरे बाजार में कराया। इतना ही नही स्थानीय व्यवसायियों ने बताया कि सड़क के किनारों को चिकनी मिट्टी से भरा जा रहा है। इसपर बारिश के दिनों में दुर्घटनाओं की संभावना रहेगी। सड़क के किनारे चिकनी मिट्टी में बड़े-छोटे सभी वाहनों के फंसने व सड़क से उतरने से होने वाली घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसपर न तो विभाग की नजर है और न ही प्रशासन की। खामियाजा बस आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है।