जातीय तनाव के बाद परसावां गांव पुलिस छावनी में तब्दील

गया। परैया थाना क्षेत्र के परसावां गांव एक बार फिर आपसी तनाव से पुलिस छावनी में तब्दील हो गई है। चुनाव और मतदान से शुरू हुई कहा-सुनी अब झगड़े में बदल गयी है। घटना में आस पड़ोस के गांव के लोग भी एक पक्षीय कार्यवाही में लग गए है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 10:45 PM (IST)
जातीय तनाव के बाद परसावां गांव पुलिस छावनी में तब्दील
जातीय तनाव के बाद परसावां गांव पुलिस छावनी में तब्दील

गया। परैया थाना क्षेत्र के परसावां गांव एक बार फिर आपसी तनाव से पुलिस छावनी में तब्दील हो गई है। चुनाव और मतदान से शुरू हुई कहा-सुनी अब झगड़े में बदल गयी है। घटना में आस पड़ोस के गांव के लोग भी एक पक्षीय कार्यवाही में लग गए है। बुधवार को मतदान के क्रम में दोपहर के समय दो युवकों में विवाद हो गया था। मामले को आपसी बातचीत से शांत कराया गया। गुरुवार की शाम धर्मशाला से लौट रहे एक किशोर के साथ रास्ते में मारपीट की गई। जिसके बीच बचाव में गए सीआरपीएफ के जवान के साथ भी मनचले युवकों ने मारपीट की। किसी तरह स्थानीय ग्रामीणों से बीच बचाव के बाद दोनों को परसावां भेजा गया। देर रात छिपते छिपाते पीड़ित ग्रामीण परैया थाना पहुंचा। जिससे आवेदन लेकर लौटा दिया गया।

शुक्रवार की सुबह घटना ने तब तूल पकड़ लिया। जब एक युवक अनिरुद्ध सिंह के घर पर हथियार लेकर चढ़ गया। जहां शोर मचाने के बाद अनिरुद्ध सिंह के सीआरपीएफ पुत्र व अन्य युवकों ने धर दबोचा। पकड़े गए युवक की पहचान राहुल यादव के रूप में हुई । उसके पास से 3.15 का कट्टा बरामद हुआ है। पुलिस को ग्रामीणों ने उक्त घटना की सूचना दी। पुलिस के घटनास्थल तक पहुंचने के क्रम में विपक्षी लोगों द्वारा छत से जमकर रोड़ेबाजी की गई। जिससे अनिरुद्ध सिंह का घर, आंगन व बाहर की गली रोड़े से भर गया। घटना के बाद थाना अध्यक्ष फहीम आजाद खान पुलिस पदाधिकारी व सुरक्षा बलों के साथ पहुंचे और पकड़े गए युवक को हिरासत में लिया। तनाव को बढ़ता देख सिटी एसपी , एएसपी मनीष कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर अशोक राम, टिकारी थाना अध्यक्ष रामलखन पंडित, पंचानपुर ओपी अध्यक्ष विभूति भूषण, कोंच थाना अध्यक्ष सुरक्षा बलों के साथ गांव पहुंचे। जहां पूरे गांव में फ्लैग मार्च कर स्थिति को नियंत्रित किया गया।

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ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष पर लापरवाही का लगाया आरोप

घटना से आक्रोशित दोनों पक्ष के लोग पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे है। एक ओर पुलिस द्वारा दो दिन से चल रहे विवाद को गंभीरता से नही लिया गया। दूसरी ओर अब पुलिस द्वारा 16 पढ़ने लिखने वाले युवकों को हिरासत में लिया गया है। इस तरह युवकों को हिरासत में लिए जाने को पुलिस की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई बताई जा रही है। सभी को जेल भेजने की तैयारी पुलिस कर रही है। यदि गुरुवार शाम को पुलिस की तैनाती गांव में होती तो स्थिति इतनी गम्भीर नहीं होती। वहीं, थानाध्यक्ष फहिम आजाद खान ने बताया कि 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस गांव में कैंप कर रही है। दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार कर मामले को नियंत्रित किया गया है। वरीय पुलिस पदाधिकारी के साथ कई थानों की पुलिस परसावां में तैनात है।

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