Gaya: ऑक्‍सीजन के लिए मारामारी लेकिन यहां प्‍लांट लगने के बाद नहीं होती आपूर्ति, वह भी इस कारण

गया जिले के टिकारी अनुमंडलीय अस्‍पताल में ऑक्‍सीजन सप्‍लाई के लिए प्‍लांट तो लग गया लेकिन ऑपरेटर और तकनीशियन नहीं होने की वजह से इससे आपूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण खासकर कोरोना मरीजों केा इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 02:25 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 02:25 PM (IST)
Gaya: ऑक्‍सीजन के लिए मारामारी लेकिन यहां प्‍लांट लगने के बाद नहीं होती आपूर्ति, वह भी इस कारण
टिकारी अनुमंडलीय अस्‍पताल का ऑक्‍सीजन प्‍लांट। जागरण

टिकारी (गया), संवाद सहयोगी। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के इस काल में एक ओर ऑक्‍सीजन के लिए मारामारी की स्थिति है लेकिन टिकारी अनुमंडलीय अस्‍पताल में इसकी सुविधा रहते हुए भी ऑक्‍सीन की आपूर्ति नहीं हो रही। वह भी महज ऑपरेटर एवं तकनीशियन (Operator and Technician) के अभाव में। राज्य स्वास्थ्य समिति (Bihar State Health Society) ने लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट  (Centralized Oxygen Supply Plant) व्‍यवस्‍‍‍‍था की थी। ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाया था। ले‍किन इस आपदा की घड़ी में भी लोगों को उसका  लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक पखवारा पूर्व चालू किए गए इस प्‍लांट के नियमित संचालन के लिए अभी तक ऑपरेटर एवं टेक्नीशियन की पदस्थापना नही की गई है। न ही अस्पताल के किसी स्वास्थ्यकर्मी को प्लांट संचालन की ट्रेनिंग दी गई है।

79 प्‍वाइंट पर की गई है ऑक्‍सीजन सप्‍लाई की व्‍यवस्‍था 

प्लांट और ऑक्सीजन रहते हुए भी मरीजों को इसका लाभ नही मिल रहा है। वह भी तब जब कोरोना के संकट काल में अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है।योजना के तहत अस्पताल के सभी विभागों के वार्डो में पाइप लाइन बिछाई गई है। अस्पताल के सबसे पीछे वाले हिस्से में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। पाइप लाइन से ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए दस जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर (डी टाइप) भी उपलब्ध है। प्लांट से पाइप के माध्‍यम से सीधे 55 बेड सहित शल्य कक्ष, प्रसूति कक्ष एवं एनबीसीसी सहित कुल 79 प्‍वाइंट पर ऑक्सीजन की आपूर्ति का कनेक्शन दिया गया है। परंतु आपदा की इस घड़ी में आपातकालीन कक्ष (Emergency Ward) में आठ बेडों पर ही ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था है। बाकी जगहों पर ऑक्सीजन फ्लो मीटर एवं मास्क की अनुपलब्धता के कारण अनुपयोगी बना है।

15 दिनों बाद भी बहाल नहीं हुई सुविधा 

राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेश पर अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के साथ चार अलग-अलग तरह के कम्प्रेशर व दो गैस रिसीवर मशीन लगाई गई है। इससे ऑक्सीजन, नाइट्रस ऑक्साइड, एयरवेंट व सक्शन चालू किया जाना था। लेकिन महज आठ बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा के अलावा अन्य सुविधा 15 दिनों बाद भी बहाल नही की गई है। बहरहाल अस्पताल में लाखों रुपये की लागत से लगा प्‍लांट विभाग के उच्चाधिकारियों और संवेदक की लापरवाही के कारण मरीज इसके लाभ से वंचित हैं। वहीं दूसरी ओर प्लांट के सुचारू रूप से संचालन नही होने का खामियाजा विपरीत परिस्थिति में अस्पताल के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को झेलना पड़ रहा है।

ऑपरेटर और तकनीशियन के लिए लिख चुके हैं पत्र

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विश्वमूर्ती मिश्रा ने बताया कि संवेदक द्वारा प्लांट चालू करने की सूचना के बाद 16 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र भेजकर ऑपरेटर और टेक्नीशियन की पदस्थापना करने का आग्रह कर चुके हैं। दुबारा 26 अप्रैल को भी उक्त आशय का पत्र भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऑक्सीजन प्लांट संचालन के लिए कोई ऑपरेटर एवं टेक्नीशियन नही है।

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