हौसलों से जीवन की राह बना ली आसान

राकेश कुमार, बेलागंज जब हौसले बुलंद हों तो मंजिल कदम चूमती है। इसे चरितार्थ कर दिखाया कोर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 10:55 PM (IST)
हौसलों से जीवन की राह बना ली आसान
हौसलों से जीवन की राह बना ली आसान

राकेश कुमार, बेलागंज

जब हौसले बुलंद हों तो मंजिल कदम चूमती है। इसे चरितार्थ कर दिखाया कोरमथु पंचायत के तुरी एवं चिरमिची बिगहा गाव के लोगों ने। ग्रामीणों ने मोरहर और दरधा नदी के बीच सौ मीटर लंबा पुल बनाकर जीवन की राह आसान कर ली।

लोगों को वर्षो से सरकार से आस बंधी थी। जब प्रशासन ने अनदेखी की तो ग्रामीणों ने खुद पुल बनाने की ठान ली। मुखिया और ग्रामीण बताते हैं, मजबूरियों के आगे हौसले को बुलंद करने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। लोग एकजुट हुए। तन, मन और धन के सहयोग से नदी के बीच ह्यूम पाइप डालते हुए पुल बना डाला।

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सिर्फ मिलता था आश्वासन

पंचायत के मुखिया अनिल कुमार कहते हैं, हर फोरम पर मोरहर नदी पर पुल बनाने की मांग वर्षो से ग्रामीण कर रहे थे। किसी स्तर पर सार्थक पहल नहीं की गई। इस बार जब बरसात का मौसम शुरू हुआ तो ग्रामीणों की परेशानी हर साल की तरह बढ़ने लगी। आमजन को परेशानी से दो चार होना पड़ रहा था। इसके बाद इन चार गावों के लोग जुटे। सहमति बनी कि क्यों न अपना रास्ता खुद अपने बना लें।

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बरसात के चार महीने प्रखंड मुख्यालय कटा रहता था क्षेत्र

मोरहर और दरधा नदी के बीच टापूनुमा स्थल पर बसे तुरी, चिरमिची बिगहा, आढ़तपुर तथा बगुलावर गाव है। लगभग पाच हजार की आबादी इन गांवों में बसी है। बरसात का मौसम में ये सभी गांव प्रखंड मुख्यालय से कट जाते हैं।

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बरसात शुरू होने से पहले

इकट्ठा करना पड़ता था राशन

इन गांवों के लोग चार माह का राशन बरसात शुरू होने से पहले ही इकट्ठा कर लेते थे। ग्रामीण कहते हैं, असहज की स्थिति उस वक्त हो जाती थी जब प्रसव पीड़ा से महिला तड़प रही होती थी। रास्ता नहीं होने के करण मरीज को अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता था। कई बार ऐसा भी हुआ है कि चिकित्सा के अभाव में जच्चे-बच्चे की मौत हो गई।

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