Viral Fever Out Break in Sasaram: सासाराम में फिर बढ़ा वायरल बुखार का प्रकोप,सदर अस्पताल में लग रही भीड़, मगर दवा उपलब्‍ध नहीं

गत एक माह से बड़ी संख्‍या में बच्‍चे बुखार से पीड़त हो रहे हैं। सदर अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में मरीजों की लंबी कतार लग रही। मगर अस्‍पताल में ना तो पर्याप्‍त दवाएं उपलब्‍ध हैं ना ही ब्‍लड टेस्‍ट की सुविधा है। 12 में से 7 वार्मर भी खराब हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:16 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:30 AM (IST)
Viral Fever Out Break in Sasaram: सासाराम में फिर बढ़ा वायरल बुखार का प्रकोप,सदर अस्पताल में लग रही भीड़, मगर दवा उपलब्‍ध नहीं
जिले में फिर बढ़ा वायरल बुखार का प्रकोप, सांकेतिक तस्‍वीर।

सासाराम : रोहतास, जागरण संवाददाता। जिले में गत एक माह से बच्चों में वायरल बुखार की समस्या काफी बढ़ गई है। कभी बारिश व उसके बाद तेज धूप से हो रहे मौसम में बदलाव का असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। जिससे सदर अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है।  डाक्टरों के अनुसार अधिकांश बच्चे सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, वायरल इंफेक्शन की समस्या से पीडि़त हैं। कई मरीजों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कर किया जा रहा है। वहीं चिकित्सक इसमें सावधानी बरतने की बात भी माता-पिता से कह रहे हैं।

सदर अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में मरीजों की लंबी कतार सोमवार को लगी रही। जबकि इनडोर वार्ड में सितंबर माह में ही इलाज के लिए अबतक दो दर्जन से अधिक बच्चे  भर्ती कराए गए हैं। रविवार को कोचस प्रखंड के घेंवड़ा गांव के संजय नट ने अपने दो माह के दुधमुंहे बच्चे को बुखार की समस्या पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया है। वार्ड में दिनारा के अरंग निवासी चन्दन चौधरी की डेढ़ वर्ष की लड़की ,तेनुआ गांव के पिंटू कुमार का एक साल का बच्चा समेत कई अन्य बच्चे तेज बुखार की समस्या पर इलाज के लिए भर्ती कराए गए हैं। सभी का इलाज सदर अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में चल रहा है।

एसएनसीयू के 12 में से 5 वार्मर खराब

सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भी अलग -अलग परेशानियों से जूझ रहे एक दिन से लेकर छह माह के डेढ़ दर्जन  बच्चों का इलाज चल रहा है। डाक्टरों को संसाधनों के अभाव के बीच इलाज करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एसएनसीयू में तैनात कर्मियों ने बताया की अस्पताल में लगे 12 वार्मर में से वर्तमान में सिर्फ सात वार्मर ही काम कर रहे हैं। बाकी के पांच वार्मर कई महीनों से बेकार पड़े हुए हैं।

अस्पताल में नहीं है बच्चों के ब्लड जांच की सुविधा

सदर अस्पताल में इन दिनों वायरल बुखार से पीडि़त बच्चे अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं। ऐसी स्थिति में डाक्टरों को उनके खून पेशाब की जांच कर वास्तविक समस्या व बीमारी की जानकारी के लिए जांच की भी सुविधा नहीं है। बच्चों के इंफेक्शन के बारे में पता लगाने वाला सीआरपी (सी-रिएक्टिव प्रोटेक्शन जांच ) ब्लड जांच की सुविधा तथा नवजात शिशु में पीलिया की जांच के लिए टीएसबी जांच ( टोटल सीरम बिलीरुबिन ) ,लिवर फंक्शन टेस्ट जैसे अति महत्वपूर्ण जांचों की सुविधा अस्पताल में मौजूद नहीं है।

ओपीडी में आवश्यक दवा भी उपलब्ध नहीं

सदर अस्पताल के ओपीडी में टंगी दवाओं की सूची में पारासिटामोल ,आयरन ,मैफेनेमिक एसिड , सोडियम,आयरन ,विटामिन सी ,विटामिन बी समेत कई आवश्यक दवाएं भी अनुपलब्ध हैं। मरीजों को मजबूरी में इन दवाइयों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है।

कहते हैं एसीएमओ :  रोहतास के एसीएमओ डा अशोक कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। यह खांसने, छींकने व संपर्क में आने से भी एक दूसरे में फैलता है। इस लिए बुखार हो तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें तथा बच्चों को भीड़भाड़ से भी बचाएं। सदर अस्पताल में दवा व जांच की समंचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है।

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