अपर निदेशक के आदेश पर कैमूर के चैनपुर पीएचसी प्रभारी बने राजनारायण, संजय को चांद की जिम्‍मेदारी

कैमूर जिले के कई पीएचसी प्रभारियों को लेकर चल रहे घमासान में हुए नए परिवर्तन में अपर स्वास्थ्य निदेशक पटना डा. नेहा शरण के आदेश के आलोक में जिले के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राजनारायण प्रसाद को सिविल सर्जन ने चैनपुर पीएचसी का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:36 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:36 AM (IST)
अपर निदेशक के आदेश पर कैमूर के चैनपुर पीएचसी प्रभारी बने राजनारायण,  संजय को चांद की जिम्‍मेदारी
चैनपुर का सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र। फाइल फोटो

भभुआ, जागरण संवाददाता। जिले के कई पीएचसी प्रभारियों के प्रभार को लेकर चल रहे घमासान में हुए नए परिवर्तन में अपर स्वास्थ्य निदेशक पटना डा. नेहा शरण के आदेश के आलोक में जिले के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राजनारायण प्रसाद को सिविल सर्जन ने चैनपुर पीएचसी का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है। इसी क्रम में चांद के पूर्व पीएचसी प्रभारी डॉ रमेश कुमार के स्थान पर वहीं कार्यरत डॉ संजय कुमार को पीएचसी का प्रभारी बनाया गया। जबकि वहां पर पूर्व में डॉ मनीष कुमार प्रभारी बनाए गए थे।सिविल सर्जन ने भगवानपुर के पीएचसी प्रभारी डॉ सुमित कुमार को पूर्ववत उनके स्थान पर बने रहने दिया है।  कार्रवाई की जानकारी सिविल सर्जन डॉ मीना कुमारी ने दी।

डेंटल चिकित्‍सक को प्रभारी बनाए जाने की हुई थी शिकायत 

ज्ञात हो कि पूर्व में हिंदी की परीक्षा न देने व कोषागार का प्रशिक्षण नहीं लेने वाले तथा एमबीबीएस चिकित्सकों के रहने के बावजूद डेंटल चिकित्सक को पीएचसी का प्रभारी बनाए जाने संबंधी शिकायत पटना कें वरीय पदाधिकरियों के पास की गई थी। इसकी जांच में पटना से आई विभाग की अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं नेहा शरण ने पूर्व में चैनपुर में कार्यरत डॉ भगवान चौबे को चैनपुर का पीएचसी प्रभारी व चांद का डॉ संजय कुमार को तथा भगवानपुर का डॉ सुमित कुमार को ही प्रभारी बनाने का निर्देश सीएस को दिया था। लेकिन भगवान चौबे के विरूद्ध जांच का मामला सामने आने पर पूर्व के आदेश में संशोधन कर अपर निदेशक ने डॉ राजनारायण प्रसाद को चैनपुर पीएचसी का अतिरिक्त प्रभार देने का निर्देश जारी किया है।

दो माह के अंदर सर्पदंश से आधा दर्जन लोगों की हुई मौत

रामपुर  प्रखंड क्षेत्र में बीते दो माह से सर्पदंश से होने वाली मौत की घटनाएं अधिक हुई हैं। इसके चलते इस क्षेत्र के लोगों में दहशत है। वहीं लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं भी हैं।ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है कि वर्ष 2006 में एक सांप ने बेलांव गांव में कई लोगों को काटा था। उस समय सांप के काटने से दो लोगों की मौत हो गई थी। वहीं एक दर्जन से अधिक लोग सांप के काटने से अचेत हुए थे। उस समय भी सांप के आतंक से गांव में हाहाकार मचा हुआ था और सांप के काटने से लोग भयभीत थे। उसी प्रकार कई वर्ष बाद एक बार फिर से बेलांव गांव में दूसरी बार सांप के काटने से ज्योति, मुस व मीरा की हुई मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है और लोगों में आशंका है कि एक बार फिर से सांप लोगों को काट रहा है। गांव और क्षेत्र में सांप काटने को लेकर कई तरह की चर्चाएं है।

chat bot
आपका साथी