Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा पर बुजुर्ग घर में ही करें स्नान, गर्भवती महिलाएं व बच्चे भी नहीं जाएं नदी-तालाब में
कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। कार्तिक पूर्णिमा पर सामूहिक स्नान से बचने की अपील की गई है। बुजुर्गों बच्चों और गर्भवती महिलाओं से घर में ही स्नान की अपील जिला प्रशासन ने की है।
जेएनएन, गया। कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है। गया के विभिन्न जगहों पर इस दिन स्नान के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस बार भी लोगों की भीड़ होगी। लेकिन कोरोना के मद्देनजर सरकार ने इस बार विशेष्ा एहतियात बरतने का निर्देश दिया है। इसके तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, बुखार से ग्रसित व्यक्ति व अन्य गंभीर बीमारी वाले लोगों को नदी-तालाबों या अन्य जलाशयों में स्नान नहीं करने की अपील की गई है। कहा गया है कि वे घर में ही स्नान करें। सरकार के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन इसे सुनिश्चित कराने में जुट गया है। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा है कि लोग शारीरिक दूरी का पालन करें। मास्क जरूर लगाएं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भी लोगों से भीड़-भाड़ वाले स्थान पर नहीं जाने को कहा गया है।
सड़क पर नहीं निकलेगी बरात, शादी में भी मेहमानों की संख्या तय
3 दिसंबर तक वैवाहिक कार्यक्रमों, श्राद्ध कार्यक्रम आदि को लेकर भी सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार विवाह में अधिकतम 100 व्यक्तियों को(स्टाफ सहित) ही जाने की अनुमति दी गई है। जो शादी समारोह में शामिल होंगे उन सभी के लिए हाथ की सैनिटाइजिंग करना और मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। आदेश में कहा गया है कि सड़कों और मार्गों पर बारात की जुलूस नहीं निकालें। हालांकि समारोह स्थल पर बारात जुलूस आदि निकाल सकते हैं। शादी समारोह में संभावित बीमार व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं रहेगी। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।
श्राद्ध कर्म में अधिकतम 25 लोगों को ही जुटने की अनुमति- श्राद्ध कर्म को लेकर कहा गया है कि इस तरह के आयोजन में अधिकतम 25 लोग ही शामिल होंगे। यहां भी सभी लोग मास्क पहनकर कार्यक्रम में भाग लेंगे। साथ ही शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखेंगे।