अब तक पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं, लेकिन गांव-घरों में बढ़ने लगी है राजनीतिक सरगर्मी
पंचायत चुनाव का अबतक ऐलान नहीं हुआ है लेकिन भावी प्रत्याशी प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। गांव-घर में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित कर लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है।
जेएनएन, भभुआ। विधानसभा चुनाव 2020 संपन्न हो चुका है। निर्वाचित विधायकों की शपथ की प्रक्रिया अभी-अभी पूरी हुई है। अब पंचायत चुनाव की आहट आने लगी है। यद्यपि पंचायत चुनाव को लेकर किसी तरह की कोई घोषणा नहीं हुई है। लेकिन कैमूर जिले में पंचायतों की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। जिन्हें चुनाव लड़ना है वे सक्रिय हो गए हैं। गांव-घर में वे दस्तक देने लगे हैं।
गांव में खेलकूद से लेकर भोज तक का हो रहा आयोजन
चुनाव मैदान में भाग्य आजमाने वाले सक्रिय हुए हैं तो भावी प्रत्याशी का पोस्टर-बैनर लगाकर उनके समर्थक प्रचार-प्रसार करने में जुट गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनता तक पहुंचने का प्रयास चल रहा है। इस क्रम में पंचायतों में तरह तरह के कार्यक्रम कर लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते इन दिनों पंचायतों में भोज, खेल प्रतियोगिता आदि कई तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। इसमें काफी संख्या में ग्रामीण भाग भी शामिल हो रहे हैं। हालांकि ऐसे प्रत्याशियों के लिए तस्वीर साफ नहीं है। इस कारण उनके लिए असमंजस की स्थिति है। क्योंकि किसी के यह जानकारी नहीं कि कौन की पंचायत महिला के लिए होगी और कौन सामान्य अथवा पिछड़ा, अति पिछड़ा के लिए। इसके बावजूद भावी प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। कई नेताजी ऐसे हैं जिनकी पंचायत अगर उनके लड़ने के अनुकूल नहीं रही तो वे अपने रिश्तेदार को मैदान में उतारेंगे।
कैमूर जिले में है 151 पंचायत
इनमें सबसे अधिक संख्या जिला परिषद, पंचायत समिति व मुखिया पद के लिए है। जिले के सभी प्रखंडों में पंचायत चुनाव को लेकर भावी प्रत्याशियों की संख्या अधिक है। इन लोगों में इस वर्ष नवयुवकों की संख्या अधिक दिख रही है। यानी अब राजनीति में कैमूर जिले के नवयुवक भी रुचि ले रहे हैं। बता दें कि कैमूर जिले में कुल 151 पंचायतें हैं। जिसमें मुखिया, बीडीसी, सरपंच आदि का चुनाव होना है।