छात्रों को बैठने के लिए न वर्गकक्ष, न ही पढ़ाने को शिक्षक; जान लीजिए औरंगाबाद के स्‍कूलों का हाल

छात्रों को न तो बैठने के लिए समुचित वर्गकक्ष ही उपलब्ध है न ही पढ़ाने के लिए शिक्षक। लाजमी है कि इस हालात में उत्क्रमित उच्च विद्यालय कारा में बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। कहने को तो यह उच्च विद्यालय है पर शिक्षक एक भी नहीं हैं।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:52 AM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 10:52 AM (IST)
छात्रों को बैठने के लिए न वर्गकक्ष, न ही पढ़ाने को शिक्षक; जान लीजिए औरंगाबाद के स्‍कूलों का हाल
शिक्षक के इंतजार में बैठीं छात्राएं। जागरण।

संवाद सूत्र, ओबरा (औरंगाबाद)। छात्रों को न तो बैठने के लिए समुचित वर्गकक्ष ही उपलब्ध है, न ही पढ़ाने के लिए शिक्षक। लाजमी है कि इस हालात में उत्क्रमित उच्च विद्यालय कारा में बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। कहने को तो यह उच्च विद्यालय है, पर शिक्षक एक भी नहीं हैं। प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार विकल की मानें तो विद्यालय में कमरे का अभाव है। विद्यालय में दशम क्लास के छात्रों को बैठने के लिए जगह तक उपलब्ध नहीं है। इसकी सूचना संबंधित पदाधिकारियों को दी गई है, परंतु अभी तक कार्रवाई हो सकी है। कारा उत्क्रमित उच्च विद्यालय को मध्य विद्यालय में तब्दील किया गया था, ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके। अब सवाल यह उठता है कि जहां शिक्षक एवं कमरे नहीं हैं तो पठन पाठन कैसे होगी।

बता दें कि पूर्व में मध्य विद्यालय कारा बेहतर शिक्षा के लिए जिले में एक अपनी अलग पहचान बना ली थी। शिक्षण कार्य के मामले में यह विद्यालय अव्वल रहा है। पूर्व में भी विषय बार शिक्षकों की कमी रही थी, परंतु उत्क्रमित उच्च विद्यालय होने से और परेशानियां बढ़ गई है। शिक्षा की इस लचर व्यवस्था से गरीब छात्रों के अभिभावक काफी ङ्क्षचतित हैं। अभिभावकों का कहना है जिस प्रकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा दिया। उसी तरह से अन्य विद्यालयों में शिक्षक की पदस्थापना करानी चाहिए थी। प्रधानाध्यापक ने बताया कि  विद्यालय में नवम वर्ग में 172 छात्र  हैं।

कमरों के अभाव में किसी तरह दो कमरों में बैठाकर इन्हें पढ़ाया जा रहा है, वैसे स्थिति में दशम वर्ग के छात्राओं को पढ़ाना मुसीबत बन गई है। उन्होंने बताया की छात्रों का भविष्य तभी बन सकता है, जब सभी विषय वारा शिक्षक प्रतिनियुक्त होंगे। बताया कि सोशल साइंस का एक शिक्षक अमित कुमार को प्रतिनियोजित किया गया है। बाकी कोई शिक्षक नहीं है, जिससे काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।

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