आत्‍महत्‍या की नीयत से काट ली गर्दन, पुलिस की तत्‍परता से बची दाउदनगर के युवक की जान

औरंगाबाद जिले के दाउदनगर थाना क्षेत्र के एक युवक ने आत्‍महत्‍या की नीयत से अपनी गर्दन और हाथ की नसें काट ली। ऐन वक्‍त पर चरवाहों की नजर पड़ी तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने तत्‍परता दिखाते हुए उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 03:53 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 03:53 PM (IST)
आत्‍महत्‍या की नीयत से काट ली गर्दन, पुलिस की तत्‍परता से बची दाउदनगर के युवक की जान
युवक ने किया आत्‍महत्‍या का प्रयास, पुलिस ने बचाई जान। प्रतीकात्‍मक फोटो

दाउदनगर (औरंगाबाद), संवाद सहयोगी। अमूमन पुलिस और प्रशासन के प्रति आम जन की सोच नकारात्‍मक ही होती है। जनता प्रायः पुलिस प्रशासन के कार्यों की प्रशंसा नहीं करती। कई बार कुछ पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी गलत हो सकते हैं, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता। लोगों की सोच दाउदनगर थाने की पुलिस ने बदली है। पुलिस ने समय से पहुंचकर आत्‍महत्‍या के प्रयास के बाद तड़प रहे एक युवक को अस्‍पताल पहुंचाया। इतना ही नहीं थानाध्‍यक्ष अपने पैसे और कुछ अन्‍य लोगों के सहयोग से युवक को मेडिकल कॉलेज ले गए।

आत्‍महत्‍या की नीयत से काट लिया था गला

बताया जाता है कि किसी दवाब के कारा रमेश कुमार नामक एक युवक ने आत्‍महत्‍या के इरादे से सोन तराई क्षेत्र के सुनसान जगह पर जाकर अपनी गर्दन काट ली। हाथ का नस भी काट लिया। गर्दन कटने के बाद वह छटपटाने आैर चीखने लगा। संयोग से मवेशी चरा रहे  लोगों की नजर पड़ी। वे पास पहुंचे तो खून से लथपथ युवक को देखकर सन्‍न रह गए। चरवाहों के पास मोबाइल नहीं था। तो वे भागे-भागे थाने पहुंचे। पुलिस को सूचना दी। पुलिस भी उतनी ही तत्‍परता से घटनास्‍थल पर पहुंच गई। थानाध्यक्ष अरविंद कुमार गौतम ने तुरंत अनुमंडल अस्पताल में उसे भर्ती कराया।

डॉक्‍टर ने कहा, बेहतर इलाज न मिला तो बचाना होगा मुश्किल

अनुमंडलीय अस्‍पताल के चिकित्‍सक ने कहा कि उसकी स्थिति गंभीर है। मुश्किल से एक घंटे जीवित रह पाएगा। यदि इस अवधि में बेहतर इलाज हो तो उसकी जान बचाई जा सकती है। तब तक उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। इसके बाद थानाध्यक्ष ने अपने सहकर्मी और स्वयं के पास से रुपये जुटाए। तुरंत उसे लेकर नारायण मेडिकल कॉलेज जमुहार के लिए निकल गए। अपने संपर्क सूत्र के जरिए उन्होंने अस्पताल को पूर्व सूचना दी और व्यवस्था करने को कहा। नतीजा यह हुआ की थानाध्‍यक्ष उसे लेकर अस्‍पताल पहुंचे तो उसका तुरंत उपचार शुरू हुआ। बाद में उसकी पहचान वार्ड संख्या 17 पटवा टोली निवासी रमेश कुमार के रूप में की गई।

थानाध्‍यक्ष ने कहा, यह सब दैवीय कृपा

लोगों का कहना था कि थानाध्‍यक्ष और पुलिस की मदद से रमेश की जिंदगी बच गई। हालांकि थानाध्यक्ष यही कहते रहे कि उन्‍होंने अपनी ड्यूटी की। यह सब दैवीय कृपा है। उसे बचनी थी इसलिए वह बच गया। फिलहाल उसका इलाज नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में चल रहा है। खतरे से बाहर बताया जा रहा है। 

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