गया के डुमरिया में नक्सलियों ने परचा साटकर दी धमकी, कहा-जमीन पर कब्जा करनेवाले को सजा दें
गया के डुमरिया में कुछ स्थानों पर गुरुवार की सुबह नक्सली परचा सटा मिला है। इसपर जमीन से महादलित को बेदखल करने औरतों से बदसलूकी करने वालों को सजा देने की चर्चा है। पोस्टर पर तिथि 2020 का ही है।
डुमरिया(गया), संवाद सूत्र। गया जिले में नक्सलियों ने बुधवार की देर रात डुमरिया प्रखंड के मैगरा थाना क्षेत्र में कई जगहों पर पोस्टर चिपकाया है। मैगरा- नारायनपुर मुख्य मार्ग और मैगरा बाजार के दर्जनों जगहों पर पोस्टर चिपकाए गए हैं। नक्सलियों ने लिखा कि महादलितों को घर से निकलने और इसका प्रतिवाद करने पर औरतों का शीलहरण करने वाले को कड़ी सजा दें। पोस्टर पर भाकपा माओवादी मध्य जोनल कमेटी लिखा हुआ है।
जमींदार की जमीन पर महादलितों का है कब्जा
नक्सलियों ने काफी विस्तार से पोस्टर पर बातें लिखी हैं। पोस्टर पर माओवादियों ने लिखा कि मैगरा थाना क्षेत्र के तरवाडीह गांव में एमसीसी के आंदोलन के कारण 40 से 50 वर्ष पूर्व एक जमींदार को 100 एकड़ जमीन छोड़कर भागना पड़ा था। वह जमीन नक्सलियों ने भूमिहीन व गरीब किसानों के बीच बांट दी थी। उस जमीन पर महादलित अपनी जीविका चला रहे थे। लेकिन चार दिसंबर 2020 को उसी गांव के कुछ लोगों ने महादलितों पर हमला कर दिया। उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया।
पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
इसको लेकर पीड़ितों ने मैगरा थाना में 05 दिसंबर 2020 को पीड़िता ने गुहार लगाई। लेकिन मैगरा थाना प्रभारी ने गाली गलौज करते हुए वहां से भगा दिया। पीड़िताें ने शेरघाटी डीएसपी व एससी एसटी थाना चंदौती थाना में परिवाद सुनाया पर वहां भी कुछ नहीं हुआ। नक्सलियों ने कहा जब उस जमीन पर 50 सालों से उनका कब्जा है तो वह जमीन किसी और का कैसे हो सकता है। वहां महादलितों को प्रताड़ित एवं महिलाओं का शीलहरण किया जा रहा है। ऐसे लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी। मालूम हो कि पोस्टर पर 2020 की तिथि ही है। लेकिन इसे साटा गया है बुधवार को। इधर इस संबंध में पूछे जाने पर मैगरा थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि पोस्टर बरामद हुआ है। प्रतिबंधित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक का पोस्टर में जिक्र है। आगे की करवाई की जा रही है।