राजद MLA ने कर दी बड़ी मांग, भोजपुरी और मगही गानों में अश्लीलता पर शीघ्र बने कानून, सदन में भी उठेगा मुद्दा

हाल के दिनों में भोजपुर फिल्‍मों और गानों में अश्‍लीलता को लेकर आवाज बुलंद हो रही है। इससे भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री को खासा नुकसान पहुंच रहा है। दूसरी तरफ भोजपुरी के कालाकार भी लोगों की इस बात से काफी नाराज हैं। ये कला का अपमान है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 04:53 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 04:53 PM (IST)
राजद MLA ने कर दी बड़ी मांग, भोजपुरी और मगही गानों में अश्लीलता पर शीघ्र बने कानून, सदन में भी उठेगा मुद्दा
भोजपुर फिल्‍मों और गानों के पोस्‍टर की तस्‍वीर। जागरण आर्काइव।

संवाद सूत्र, रोह (नवादा)। गोविन्दपुर विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक मो. कामरान ने कहा कि भोजपुरी और मगही गानों में हो रहे अश्लील और जातिसूचक शब्दों पर रोक लगाने के लिए शीघ्र कानून बनना चाहिए और संबंधित कलाकारों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

उक्त बातें उन्होंने शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता प्रत्यूष आनंद से मिलने के बाद कहीं। साथ ही उन्होंने इस मामले को विधानसभा के माॅनसून सत्र में उठाने पर भी सहमति दी। उन्होंने बताया कि वह पहले भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठा चुके हैं। आगे इन्होंने कहा कि मैं कलाकारों के साथ साथ उनकी कला का सम्मान करता हूँ। परन्तु जिन कलाकारों द्वारा महिलाओं को शर्मसार करने वाली गीतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे समाज में सामाजिक वातावरण कुंठित हो रहा है। इसलिये गंदी, दो अर्थी व जातिसूचक गीतों को बंद किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता प्रत्यूष इस मामले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी रख चुके हैं और सोमवार को उन्होंने गोविन्दपुर विधायक के आवास पर उनसे मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने भोजपुरी और मगही गानों में लगातार हो रहे अश्लील, जातिसूचक और अपराध को बढ़ावा देनेवाले गानों पर रोक लगाने के लिए इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का आग्रह किया है।

हाल के दिनों में भोजपुर फिल्‍मों और गानों में अश्‍लीलता को लेकर आवाज बुलंद हो रही है। इससे भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री को खासा नुकसान पहुंच रहा है। दूसरी तरफ भोजपुरी के कालाकार भी लोगों की इस बात से काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि ये कला का अपमान है। हिंदी फिल्‍मों में भी अश्‍लीलता रहती है, लेकिन उसकी मार्केट बड़ी है। बड़े लोगों के पैसे लगे रहते हैं। इस लिए उनपर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई जाती। लोग भोजपुरी को बदनाम करना बंद करें। ऐसा वही लोग कर रहे हैं, जो भोजपुरी की बढ़ती प्रसिद्धि से डर हैं।

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