चिराग के लिए तल्ख दिखे Nawada MP के बागी स्वर, एनडीए को लेकर कह दी ये बड़ी बात
चाचा-भतीजे के बीच जारी फैमिली-पॉलिटिकल ड्रामा के बीच पशुपति पारस गुट के सांसदों के स्वर उठने लगे हैं। चिराग पासवान से पार्टी की कमान छीनने के बाद ये नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। नवादा के सांसद चंदन सिंह ने भी कह दी बड़ी बात।
संवाद सहयोगी, नवादा। नवादा सांसद चंदन सिंह मंगलवार को नवादा पहुंचे। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान का बिहार चुनाव में एनडीए का खिलाफ करने का फैसला गलत था। सांसद ने कहा कि वे चिराग इस फैसले से खफा थे। लेकिन परिस्थिति ऐसी हुई कि चुनाव के ऐन मौके पर पार्टी नेता गार्जियन रामविलास पासवान का निधन हो गया था।
इसके चलते पार्टी के अन्य नेता कोई फैसला नहीं ले सके। उनके निधन के चलते पार्टी नेता कुछ सोच नहीं पा रहे थे। लेकिन ये लोग (चिराग) विरोध कर रहे थे। उनका यह फैसला बिहार के हित में नहीं था। अब पार्टी नेताओं ने एनडीए के साथ रहने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ने एनडीए के साथ रहने के लिए वोट किया था। नवादा की जनता ने हमें एनडीए के लिए वोट दिया था।
अगर इसके विरोध में रहकर काम करेंगे तो जनता हमें नहीं छोड़ेगी। इसलिए जनता का फैसला सबसे बड़ा फैसला है। जनता ने एनडीए के लिए वोट किया था। जनता की इच्छा थी बिहार का विकास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और देश का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो। इसलिए जनता के फैसले के साथ हैं। इधर, लोजपा नेता सूरजभान सिंह ने चिराग की यात्रा पर अपनी शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता उन्हें अपना पूरा आशीर्वाद दे।
सदर अस्पताल की व्यवस्था का लिया जायजा
अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर नवादा पहुंचे सांसद चंदन सिंह ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने वार्डों में जाकर मरीजों से उनका हालचाल पूछा। साथ ही सरकारी सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। सांसद ने कहा कि पहले की तुलना में अस्पताल की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। पूरे बिहार में नवादा एक ऐसा जिला साबित हुआ कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से कोरोना काल में मरीजों को बाहर जाने की नौबत नहीं आई। बारिश के पानी की निकास की व्यवस्था की जा रही है। बेड, चादर मरीजों को मिलने लगा है।
एंबुलेंस क्यों नहीं मिला, यह बात ऊपर तक जाएगी
सांसद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने अपने संसदीय मद से दो एंबुलेंस उपलब्ध कराने की अनुशंसा की थी। लेकिन, अब तक एंबुलेंस क्यों नहीं मिला, यह बात ऊपर तक जाएगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिले में कुछ अधिकारी ज्यादा पढ़े-लिखे हुए हैं। उनसे जाकर बात की जाएगी कि आखिर अबतक स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया है।