Corona Effect: चैत नवरात्र के ठीक पहले मां मुंडेश्‍वरी के दरबार में लगी पाबंदी, नहीं कर पाएंगे दर्शन

कैमूर जिले में स्थित माता मुंडेश्‍वरी को सिद्धपीठों में अहम स्‍थान प्राप्‍त है। यहां दूर-दराज से भक्‍त पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से यहां श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन पर रोक लगा दी गई है। इससे मायूसी पसरी है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 04:08 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 04:08 PM (IST)
Corona Effect: चैत नवरात्र के ठीक पहले मां मुंडेश्‍वरी के दरबार में लगी पाबंदी, नहीं कर पाएंगे दर्शन
माता मुंडेश्‍वरी का प्राचीन मंदिर। जागरण आर्काइव

भगवानपुर (कैमूर), संवाद सूत्र। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार के आदेशानुसार सभी धार्मिक स्थलों को 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस आदेश के बाद शनिवार को मां मुंडेश्‍वरी मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे लोगों को निराश लौटना पड़ा। उन्‍हें दर्शन और पूजा नहीं करने दिया गया। इस कारण श्रद्धालु बाहर से ही माता को प्रणाम कर लौट गए। चैत नवरात्र से ठीक पहले मंदिर में पाबंदी से भक्‍तों के साथ ही वहां के दुकानदारों में भी काफी मायूसी है। इसी तरह की मायूसी चैनपुर प्रखंड के हरसू ब्रह्म धाम स्थल सहित अन्य धार्मिक स्थानों के दुकानदारों में भी है।

पिछले वर्ष भी महीनों तक बंद रहा था मंदिर

बता दें कि बीते वर्ष 2020 में भी चैत नवरात्र में कोरोना के चलते सभी धार्मिक स्थानों को बंद कर दिया गया था। इसके चलते बीते वर्ष भी दुकानदारों को अपनी दुकानों को बंद करना पड़ा था। पुन: इस वर्ष धार्मिक स्थानों को बंद करने के आदेश से दुकानदारों में मायूसी है। धार्मिक स्थानों के बंद होने से दुकानदारों के कमाई का खास समय पूरी तरह खराब हो गया। वैसे तो पूरे वर्ष धार्मिक स्थानों पर श्रद्धालु आते हैं, लेकिन चैत व शारदीय नवरात्र में देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ होती है। इससे प्रसाद चुनरी आदि की दुकान लगाने वाले लोगों की कमाई अच्छी हो जाती है।

नवरात्र में होती है अच्‍छी आमदनी

इन दोनों नवरात्र को लेकर दुकानदार काफी पहले से ही तैयारी करने लगते है। सभी पूजन सामग्री और चुनरी आदि का स्टॉक कर लेते हैं। आगामी 13 अप्रैल से चैत नवरात्र शुरू होने वाला था। इसको लेकर दुकानदार सभी तैयारी कर रहे थे। लेकिन अचानक 30 अप्रैल तक धार्मिक स्थानों के बंद करने की घोषणा से दुकानदारों की तैयारी पर पानी फिर गया। इससे दुकानदारों में काफी मायूसी देखी जा रही है।

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