योजनाआें में मनमानी एवं राशि के हेरफेर में फंसी मुखिया, डीएम ने की पद से हटाने की अनुशंसा

औरंगाबाद के अंकुलहा पंचायत की मुखिया गीता देवी को पद से हटाने की अनुशंसा डीएम ने अपर मुख्‍य सचिव से की है। मुखिया पर राशि के हेरफेर कार्य में विलंब समेत अन्‍य आरोप लगाए गए थे। वे जांच में सही पाए गए।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 08:53 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 08:53 AM (IST)
योजनाआें में मनमानी एवं राशि के हेरफेर में फंसी मुखिया, डीएम ने की पद से हटाने की अनुशंसा
मुखिया को हटाने की डीएम ने की अनुशंसा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

औरंगाबाद, जेएनएन। सात निश्‍चय योजना, चौदहवीं वित्त आयोग एवं पंचम राज्य वित्त आयोग में मुखिया के खिलाफ लगे अनियमितता के आरोप, जांच में सही पाए गए हैं। शिकायत के आलाेक में डीएम (District Magistrate)ने पंचायती राज अधिकारी से जांच कराई थी। अब मुखिया पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। डीएम सौरभ जोरवाल ने अब अंकोरहा पंचायत की मुखिया गीता देवी को पद से हटाने की अनुशंसा की है। इस बाबत अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

योजनाओं के क्रियान्‍वयन एवं राशि हस्‍तांतरण में की गई मनमानी

पत्र के माध्यम से डीएम ने सचिव को बताया है कि मुखिया ने विभिन्न वार्डों में गठित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों के बैंक खातों में राशि हस्तांतरण (Cash Transfer) में बड़े पैमाने पर मनमानी की है। उन वार्डों में मुख्यमंत्री सात निश्‍चय योजना के क्रियान्वयन के लिए राशि का हस्तांतरण समय पर किया गया है एवं अपेक्षाकृत अधिक राशि दी गई है। बावजूद वहां सही से कार्य नहीं हुआ। योजनाओं में भी व्‍यापक गड़बडि़यां मिली हैं। जो अपने स्तर से योजना का कार्य करना चाहते थे उन वार्डों में अपेक्षाकृत काफी कम एवं विलंब से राशि का हस्तांतरण किया गया। सात निश्‍चय योजना के खाते से विभागीय दिशा-निर्देश के प्रतिकूल मुखिया, पंचायत सचिव एवं अन्य व्यक्ति के नाम से नकद राशि की निकासी की गई है।

पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा के तहत हटाने की अनुशंसा

डीएम ने पत्र में कहा है कि चार व्यक्तियों मंटू कुमार सिंह, उमाशंकर, अभय कुमार सिंह एवं विश्‍वजीत चंद्राकर के साथ ग्रुप बनाकर ग्राम पंचायत की विभिन्न योजनाओं एवं चौदहवीं वित्त आयोग, पंचम वित्त राज्य आयोग की राशि का मनमाने एवं अवैधानिक तरीके से प्रयोग किया गया है। इस आरोप में मुखिया से स्पष्टीकरण की मांग की गई। उनका स्‍पष्‍टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। इससे स्‍पष्‍ट है कि मुखिया ने निहित शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में दुराचार किया। सरकारी राशि का गबन किया है। डीएम ने सचिव से बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18(5) के तहत पद से हटाने की अनुशंसा की है।

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