डीएम साहब, बाइपास बन गया लेकिन मुआवजा नहीं मिला, गया में कर्ज बोझ से दबे किसानों ने लगाई गुहार

गया में गया- राजगीर एनएच 82 के फोरलेन चौड़ीकरण में वजीरगंज प्रखंड के पुनावां ग्राम के पास न्यू बाइपास रोड का निर्माण हो चुका है। लेकिन इसमें जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई उन्‍ें मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 11:37 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 06:23 AM (IST)
डीएम साहब, बाइपास बन गया लेकिन मुआवजा नहीं मिला, गया में कर्ज बोझ से दबे किसानों ने लगाई गुहार
गया में बनकर तैयार हुआ फोरलेन। जागरण

संवाद सूत्र ,वज़ीरगंज(गया)। गया- राजगीर एनएच 82 के फोरलेन चौड़ीकरण में वजीरगंज प्रखंड के पुनावां ग्राम के पास न्यू बाइपास रोड का निर्माण कार्य किया जा चुका है। इसमें पुनावां ग्राम के रैयत किसानों की भी भूमि अधिग्रहण किया गया था। उनमें से कुछ किसानों को मुआवजे का राशि प्रदान की जा चुकी है। लेकिन कई किसान ऐसे हैं जिन्‍हें अभी तक यह राशि नहीं मिली है। इनमें कुछ भू स्‍वाम ऐसे हैं जो लाचार हैं या कर्ज में डूबे हुए हैं। इनलोगों ने जिलाधिकारी से जमीन मुआवजे की राशि जल्द से जल्द दिलवाने का आग्रह किया है।

बेटी की शादी के बाद डूबे कर्ज में

किसान लखन प्रसाद मौर्य जिनका प्लॉट संख्या 2430 और 2443 है, बताते हैं कि अपनी छोटी बेटी की शादी पिछले साल की थी। उसमें काफी कर्ज हो गया। जमीन भी गिरवी है। अब मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी है, एक आशा था कि जमीन मुआवजे की राशि मिलने पर कर्ज से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। जबकि अपनी जमीन का कागजात भू - अर्जन विभाग में जमा किए हुए साल बीत चुके हैं। लेकिन मेरी मुआवजे की राशि अभी तक प्रदान नहीं की गई है। वहीं भू - अर्जन कार्यालय जाने पर वहां का कर्मचारी बार-बार एक ही बात बोलते हैं कि आपकी मुआवजे की राशि जल्द चली जाएगी।

बेटे के इलाज में कर्ज के बोझ में दबा, उसकी पढ़ाई भी बाधित

दूसरे किसान सुरेंद्र चौधरी बताते हैं कि मेरे बेटा का कुछ महीना पहले रोड एक्सीडेंट हो गया था। उसमें उसका पांव बेकार हो गया। उसके इलाज के लिए काफी पैसों का कर्ज लेना पड़ा। अब यही कर्ज बोझ बनता जा रहा है। बस एक ही उम्मीद है जमीन के मुआवजे की राशि जल्द मिले ताकि कर्ज का बोझ सर से हल्का हो। सुनील कुमार प्लॉट नं0 (947,949,951) बताते हैं कि मुझे पत्‍नी के हृदय का इलाज कराने के लिए दिल्ली ले जाना पड़ा था, जिसमें काफी कर्ज हो गया है। अब मेरा बेटा बी फार्मा की पढ़ाई करना चाहता है, लेकिन मेरे सर पर ज्यादा कर्ज होने के वजह से मैं  बेटे की पढ़ाई नहीं करा सकता हूँ। बस एक आखिरी उम्मीद है की जमीन अधिग्रहण की राशि मुझे जल्द मिले ताकि मेरी जीवन की खुशियां लौट सके।

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