रोहतास के अधिकांश गांव ओडीएफ घोषित, आज भी खुले में शौच करते लोग; जागरुकता की कमी या कुछ और
प्रखंड मुख्यालय से लेकर डबरिया रामपुरअगरेड समेंत कई ङ्क्षलक पथोंं की बनी हुई है। बावजूद इसके प्रखंड स्तर के पदाधिकारी इसपर रोक लगाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि इसके लिए अलग विभाग भी बनाया गया है।
संवाद सूत्र, सूर्यपुरा (सासाराम)। रोहतास के सूर्यपुरा प्रखंड को चार वर्ष पूर्व ओडीएफ घोषित किए जाने के बाद अधिकांश गांवों में खुले में शौच के प्रति लोगों की सोच में बदलाव नहीं आ पा रहा है। सड़कों पर शौच किए जाने से राहगीरों तथा सुबह में टहलने निकले लोगो को दुर्गंध से चलना मुश्किल हो गया है। 20 दिसंबर 2016 को सूर्यपुरा प्रखंड को तत्कालीन जिलाधिकारी की मौजूदगी में खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था।
बताया जाता है कि पूर्व में व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर लोगों को खुले में शौच ना करने के प्रति जागरूक किया गया। बाहर शौच करने वाले महिला पुरुष की निगरानी के लिए गांवो में अलग- अलग टीम गठित की गई थी, ताकि क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त कर स्वच्छ व सुंदर बनाया जा सके। घरो का सर्वे कराकर हर घर मे शौचालय का निर्माण कराया गया। उन दिनों लोग कुछ इस कदर जागरूक हुए कि पूरा क्षेत्र साफ व स्वच्छ दिखने लगा था, परंतु आज फिर से लोग पुराने ढर्रे पर चलना शुरू कर दिए हैं।
प्रखंड मुख्यालय से लेकर डबरिया, रामपुर,अगरेड समेंत कई ङ्क्षलक पथोंं की बनी हुई है। बावजूद इसके प्रखंड स्तर के पदाधिकारी इसपर रोक लगाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि इसके लिए अलग विभाग भी बनाया गया है। बीडीओ वीणापाणि ने लोगों से सड़क के किनारे शौच न करने की अपील की है। कहा कि अगर बाहर खुले में शौच करते पकड़े गए तो जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
कुछ इलाकों से ऐसी शिकायतें भी आई हैं, जहां शौचालय निर्माण की राशि लेकर लोग डकार गए तो कहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने उन रुपयों से अपनी जेब गरम कर ली। ऐसे इलाके भी हैं, जहां सामुदायिक शौचालय बने लेकिन रखरखाव के आभाव में उनकी दशा बिगड़ गई। कुछ शौचालयों के गेट पर अब भी ताला लटका है।