Matter of Concern: डेंजर जोन रोहतास में डरा रहा एड्स का आंकड़ा, एक वर्ष में सौ से ज्यादा मिले पॉजीटिव
एचआइवी के मामले में रोहतास को डेंजर जोन में रखा गया है। यहां एक वर्ष में एक सौ से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। उनके इलाज के लिए अब जिले में एआरटी सेंटर खोले जाने की तैयारी की जा रही है।
जेएनएन, सासाराम (रोहतास)। एक वर्ष की अवधि में रोहतास जिले में एक सौ से अधिक एचआइवी पॉजीटिव मरीज पाए गए हैं। यह चिंता करने की बात है। क्योंकि इतनी जागरूकता और सरकार के प्रयासों के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। जिले को डेंजर जोन में शामिल किया गया है। नए साल में यहां एआरटी सेंटर खोला जा सकता है। फिलहाल गया में एचआइवी की जांच होती है।
दो दिसंबर से 30 नवंबर तक सासाराम व बिक्रमगंज में परामर्श के लिए दस हजार से अधिक लोग पहुंचे। उनमें से सात हजार से अधिक लोगों का इलाज किया गया। जांच में एक सौ से अधिक लोगों में एचआइवी पॉजिटिव मिले। यह संख्या और अधिक हो सकती थी लेकिन कोरोना महमारी के कारण सरकारी अस्पताल में जांच कार्य लगभग तीन माह तक बंद था। चिकित्सक एचआइवी पॉजिटिव मरीजों को परहेज व संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं।
हालांकि केंद्र सरकार की नेशनल एड्स कंट्रोल आॅथोरिटी ने पिछले साल ही रोहतास जिला को डेंजर जोन में शामिल करते हुए एआरटी सेंटर खोलने का निर्णय ले रखा है, ताकि मरीजों को इलाज के लिए दूसरे जगह नहीं जाना पड़े। संभवत: नए साल के प्रथम माह में एआरटी सेंटर के चालू होने की संभावना है। इसमें एड्स मरीजों की जांच व इलाज की व्यवस्था होगी। चिकित्सकों की माने तो असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से एड्स फैलने की संभावना अधिक रहती है। इसी के मद्देनजर रेड लाइट एरिया में विशेष रूप से जागरूकता फैलाने के साथ-साथ समय-समय पर परामर्श देने का कार्य किया जाता है।
अभी गया में होती है जांच, पॉजिटिव आने पर इलाज को भी वहीं भेजे जाते मरीज
सदर अस्पताल के अलावा बिक्रमगंज में खुले परामर्श केंद्र में पहुंचने वाले एड्स पीड़ित मरीजों को अबतक सिर्फ सलाह देने का ही काम होता रहा है। इन दोनों केंद्रों पर जो मरीज पहुंचते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन कर उनके खून को जांच के लिए गया भेजा जाता है। उसके बाद उन्हें इलाज के लिए वहीं भेजा जाता है। इस कारण मरीजों को परेशानी होती है। आने-जाने में आर्थिक संकट झेलना पड़ता है।
एचआइवी मरीजों के लिए वरदान साबित होगा एआरटी सेंटर
सदर अस्पताल में एआरटी सेंटर एचआइवी मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। संक्रमित लोगों को दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। यहां तक कि अब उन्हें अंत्योदय समेत अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। यही नहीं कार्य स्थल पर उनसे भेदभाव लोग नहीं करेंगे। अगर ऐसा करते पाए जाएंगे तो वैसे लोगों को दंडित भी किया जाएगा। नए साल के पहले माह में ही एआरटी सेंटर को चालू करने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग है। सेंटर में कार्य करने वाले कर्मियों की बहाली प्रक्रिया अगले कुछ दिन में प्रारंभ होने वाली है। सेंटर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की खून जांच से लेकर इलाज तक की समुचित व्यवस्था होगी। राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के उच्चाधिकारियों ने मुआयना कर एआरटी सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया है।