भारत के साथ मंगोलिया के रहे हैं प्रगाढ़ रिश्ते : संसद अध्यक्ष
बोधगया। मंगोलिया की संसद के अध्यक्ष गोम्बो जैब जेंदनशातर ने कहा कि भारत के साथ मंगोलिया के रिश्ते बेहद प्रगाढ़ रहे हैं। वह गुरुवार को बोधगया में शिष्टमंडल के साथ पहुंचे थे।
बोधगया। मंगोलिया की संसद के अध्यक्ष गोम्बो जैब जेंदनशातर ने कहा कि भारत के साथ मंगोलिया के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पौराणिक संबंध रहे हैं। बोधगया बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र शहरो में से एक है और यहां आना हर बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए गौरव की बात होती है। मेरे लिए भी इस स्थल का दर्शन और नमन करना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि भारत व मंगोलिया के बीच जो आपसी संबंध हैं, उसकी जितनी भी बात की जाए, वह कम होगी। भारत आना हम सभी के लिए अविस्मरणीय रहेगा।
इससे पहले मंगोलिया की संसद के अध्यक्ष गोम्बो जैब जेंदनशातर के नेतृत्व में 23 सदस्यीय शिष्टमंडल गुरुवार को गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा। एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी सदस्य प्रागबोधि गुफा गए। जहां भगवान बुद्ध के छह वर्षो तक कठिन तपस्या के बाद कंकाल रूपी प्रतिमा की गुफा में दर्शन करके पूजा-अर्चना की थी। दल में मंत्री, सांसद सहित अन्य अधिकारी व भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं। प्रागबोधि से वापस सभी होटल में गए। यहां बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष माहेश्वर हजारी की ओर से रात में शिष्टमंडल के लिए भोज दिया गया है। उसमें शिष्टमंडल के सभी सदस्य शरीक होंगे। शुक्रवार को सभी सदस्य विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर परिसर का परिभ्रमण करेंगे। उसके बाद श्रीलंका की महाबोधि सोसाइटी में जाकर भगवान बुद्ध व उनके शिष्यों के अस्थि अवशेष का दर्शन करेंगे। साथ ही मंगोलिया मंदिर भी जाएंगे। दोपहर में होटल में भोजन करने के पश्चात नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
मगध विवि के वित्त पदाधिकारी का इस्तीफा राजभवन ने किया स्वीकार
बोधगया। मगध विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी रहे डीपी त्रिपाठी का इस्तीफा गुरुवार को राजभवन की ओर से स्वीकार कर लिया गया। हालांकि इस पद पर अभी किसी की नियुक्ति नहीं की गई है और न ही किसी को प्रभारी बनाया गया है। राज्यपाल के संयुक्त सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में उक्त जानकारी दी गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल ने मगध विवि के वित्त पदाधिकारी रहे डीपी त्रिपाठी का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकृत कर लिया है। बता दें कि 17 नवंबर को निगरानी की विशेष इकाई की ओर से मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ की गई जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। इसके बाद कुलपति लंबे समय के लिए आकस्मिक अवकाश पर चले गए हैं। उनके जाने के बाद वित्त पदाधिकारी त्रिपाठी ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।