मानपुर औद्योगिक क्षेत्र को 24 के बजाय 18 घंटे मिल रही बिजली

पटवा टोली में 980 औद्योगिक इकाइयों को नियमित चलाने के लिए चौबीस घंटे बिजली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 10:13 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 10:13 PM (IST)
मानपुर औद्योगिक क्षेत्र को 24 के बजाय 18 घंटे मिल रही बिजली
मानपुर औद्योगिक क्षेत्र को 24 के बजाय 18 घंटे मिल रही बिजली

गया। पटवा टोली में 980 औद्योगिक इकाइयों को नियमित चलाने के लिए चौबीस घंटे बिजली की जरूरत है, लेकिन 18 घंटे ही मिल रही है। इसके कारण वस्त्र के उत्पादन पर व्यापक असर पड़ रहा है। बिजली के अभाव में औद्योगिक इकाई में काम करने वाले मजदूरों को कई घंटा बैठकर व्यर्थ समय व्यतीत करना पड़ता।

औद्योगिक इकाई में पावर लूम संचालित कर विभिन्न तरह के वस्त्रों को बनाने के लिए 980 उद्योग मालिकों द्वारा बिजली का कनेक्शन लिया गया। यहां करीब 25 लाख यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत होती है। बिजली विभाग द्वारा प्रतिमाह करीब एक करोड़ पांच लाख का बिल भेजा जात है। विभाग द्वारा भेजी गई बिजली बिल में करीब 40 लाख अनुदान की राशि कटौती कर 65 लाख की राशि उद्योग मालिकों को जमा करना पड़ता।

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पटवा टोली औद्योगिक इकाई में बनाए जाने वाले वस्त्रों की बिक्री काफी कम मुनाफे पर की जाती है। इसके कारण तीन के बजाय अनुदान की राशि प्रति यूनिट पांच रुपये कर दी जाए तो काफी राहत मिलेगी।

सुरेन्द्र कुमार पटवा, उद्योगपति

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उद्योग नगरी में एक पखवारे से बिजली की कटौती होने से लोग काफी परेशान हैं। इसका असर उत्पादन पर पड़ता है। एक घंटे बिजली गुल रही तो करीब पांच हजार मीटर वस्त्र के उत्पादन में कमी आती है। इसमें सुधार लाने के लिए तकनीकि फॉल्ट मे सुधार लाने की जरूरत है।

दुखन प्रसाद पटवा, उद्योगपति

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बिजली विभाग को हमलोग प्रति माह बिल देते हैं। बावजूद इसके नियमित बिजली नहीं मिलती। औद्योगिक इकाई को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन 18 घंटे से अधिक नहीं मिल रही है। अधिक लोड होने की बात बताकर प्रतिदिन बिजली में कटौती कर दी जाती है।

इंद्रदेव प्रसाद पटवा, उद्योगपति

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औद्योगिक क्षेत्र में तकनीकि समस्या को दूर करने के लिए लाइनमैन की आवश्कता है। तभी यहां 22 से 24 घंटे बिजली मिलनी शुरू होगी।

गोपाल प्रसाद पटवा, उद्योगपति

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औद्योगिक इकाई को चलाने के लिए प्रतिदिन 22 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। 24 घंटे बिजली की आपूर्ति का प्रयास किया जाएगा। बिजली की वजह से औद्योगिक इकाई बंद नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। फॉल्ट होते ही दुरुस्त करने की पहल शुरू कर दी जाती।

अभिजीत कुमार, कार्यपालक अभियंता

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