गांव में कैंप कर रही मेडिकल टीम, बीमारों का चल रहा इलाज

सिरदला प्रखंड के चैली गांव में डायरिया से चार लोगों की मौत की सूचना मिलते ही मेडिकल टीम हरकत में आ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 04:33 PM (IST)
गांव में कैंप कर रही मेडिकल टीम, बीमारों का चल रहा इलाज
गांव में कैंप कर रही मेडिकल टीम, बीमारों का चल रहा इलाज

सिरदला : प्रखंड के चैली गांव में डायरिया से चार लोगों की मौत की सूचना मिलते ही मेडिकल टीम हरकत में आ गई है। आठ मरीजों का सिरदला पीएचसी में इलाज चल रहा है। वहीं नौ मरीजों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल रजौली भेजा गया। जबकि तकरीबन डेढ़ दर्जन मरीजों का इलाज गांव में ही चल रहा है। मेडिकल टीम गांव में ही कैंप कर रही है। शुक्रवार को रजौली एसडीएम चंद्रशेखर आजाद पीएचसी पहुंचे। उनके साथ रजौली अनुमंडलीय अस्पताल की मेडिकल टीम भी थी। एसडीएम ने सबसे पहले पीएचसी में इलाजरत मरीजों से हालचाल लिया। पीएचसी प्रभारी डॉ. अजय चौधरी एवं अन्य चिकित्सकों से बीमारों के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की और उचित इलाज का निर्देश दिया। दवाओं की उपलब्धता आदि के बारे में भी जानकारी ली। इसके बाद एसडीएम मेडिकल टीम के साथ चैली गांव चले गए। जहां तुरिया टोला और यादव टोला में बीमार लोगों से मुलाकात की। उन्होंने साफ-सफाई पर ध्यान देने को कहा। मेडिकल टीम ने बीमार लोगों को आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई। इधर, पीएचसी में शीला देवी 15 वर्ष, रौशनी देवी 45 वर्ष, नंदनी कुमारी 2 वर्ष, लालो महतो 50 वर्ष, दिनेश तुरिया 25 वर्ष, शिम्पी कुमारी 17 वर्ष, तलेबर कुमार 16 वर्ष, शांति देवी 23 वर्ष का इलाज चल रहा है। इन लोगों को रात में ही भर्ती कराया गया था। वहीं नौ लोगों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में दाखिल कराया गया। इधर, पीएचसी प्रभारी डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि बीमार लोगों का समुचित इलाज चल रहा है। हालत खतरे से बाहर है। मेडिकल टीम लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रख रही है।

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झाड़-फूंक के फेर में पड़े रहे ग्रामीण

- बताया जाता है कि करीब एक सप्ताह से गांव में डायरिया का प्रकोप था। लेकिन बीमार लोग सही इलाज कराने के बजाए झाड़-फूंक के फेर में पड़े रहे। तब तक कई लोग बीमारी की चपेट में आ गए। तबीयत बिगड़ने पर ग्रामीण चिकित्सक की मदद ली। बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ। अंतत: चार लोगों की जान चली गई। गुरुवार की सुबह 25 वर्षीय महिला गौरवा देवी की मौत हुई। फिर शाम में उनके ससुर सोमर तुरिया ने भी दम तोड़ दिया। इसके पूर्व समन तुरिया के 12 वर्षीय पुत्र धीरज तुरिया और संजय तुरिया की तीन वर्षीया बेटी सोनाली कुमारी की मौत हो गई थी।

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समय रहते मिलती सूचना तो बच सकती थी जान

- गौरतलब है कि तकरीबन एक सप्ताह से लोग बीमार पड़ रहे थे। लेकिन इसकी सूचना स्वास्थ्य टीम तक नहीं पहुंच सकी। अगर समय रहते जानकारी मिल गई होती तो शायद चार लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। हालांकि सूचना मिलते ही बीडीओ राजेश कुमार दिनकर, सीओ गुलाम सरवर, थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा, पीएचसी प्रभारी डॉ. अजय चौधरी आदि सक्रिय हुए और अन्य बीमारों का इलाज शुरू हुआ।

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