गया के गांवों में अचानक गायब हुए कई कुंएं, जीर्णोद्धार करने चले अधिकारी तो खुला मामला

सार्वजनिक कुएं का जीर्णोद्धार एवं सोख्ता निर्माण कार्यक्रम के तहत प्रखंड के विभिन्न गांव में जर्जर हो रहे कुओं का सर्वे कराकर जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है। अब तक 153 कुएं की जानकारी प्राप्त हुई है। कई कुएं अपनी जगह से गायब हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:50 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:50 AM (IST)
गया के गांवों में अचानक गायब हुए कई कुंएं, जीर्णोद्धार करने चले अधिकारी तो खुला मामला
हजारों गांव में जल जीवन हरियाली के तहत सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा, जागरण फोटो।

शेरघाटी (गया), संवाद सहयोगी । गया जिले के 24 प्रखंड के हजारों गांव में जल जीवन हरियाली के तहत सरकार ने सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया है। जब काम शुरू हुआ तो पता चला कि कई कुएं अपनी जगह से गायब हैं। शेरघाटी के पंचायती राज पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि पूर्व से चिन्हित कुएं का तकनीकी सहायक द्वारा पुनर सर्वे शुरू कर दिया गया है। पूर्व में किए गए सर्वे के अनुसार कई स्थानों पर कुआं अस्तित्व में नहीं पाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में नया सर्वे के तहत सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार करा कर वाटर लेवल को सुरक्षित रखने के लिए सरकार की यह योजना चलाई जा रही है।

शेरघाटी प्रखंड के 9 पंचायतों के विभिन्न गांव में वर्षों से देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो रहे कुएं के जीर्णोद्धार के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक कुएं का जीर्णोद्धार एवं सोख्ता निर्माण कार्यक्रम के तहत प्रखंड के विभिन्न गांव में जर्जर हो रहे कुओं का सर्वे कराकर जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 153 कुएं की जानकारी प्राप्त हुई है। सार्वजनिक स्थल पर निर्मित कुओं का मरम्मत करके उसके खुले मुंह को लोहे की जाली से ढाका जा रहा है। ताकि गांव के बच्चे, पशु आदि को कुए के खतरे से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि वैसा सार्वजनिक कुआ जो सिंचाई या अन्य कार्यों के उपयोग के लिए काम में लाया जाता है, वैसे कुए का मरम्मत कर उसे उसे संरक्षित किया जा रहा है। यह योजना जल जीवन हरियाली के तहत संपन्न कराया जाएगा।

शेरघाटी अनुमंडल के 119 पंचायतों में यह कार्य जोर पकड़ने लगा है। शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी उपेंद्र पंडित के द्वारा सार्वजनिक कुएं का जीर्णोद्धार को लेकर सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को काम तेज करने का आदेश दिया गया है।

अमित कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम हो जाने के कारण कुएं का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण काम में कठिनाई आ रही है। मरम्मत योग्य सार्वजनिक कुएं में कहीं पानी भरा हुआ है तो कहीं अत्यधिक मरम्मत की आवश्यकता है। ऐसे में मजदूर कुए के अंदर काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। लेकिन जो सार्वजनिक कुएं मरम्मत के योग्य और अनुकूल है उसकी मरम्मत शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कुएं के समीप पर्याप्त जगह होने पर सोख्ता का निर्माण करते हुए कुएं का सौंदर्यीकरण किया जाना है। ताकि कुएं से निकला हुआ पानी जो बेकार इधर-उधर सूख जाता है उसे सोख्ता में संरक्षित करते हुए पुनः जमीन के अंदर पहुंचाया जा सके।

chat bot
आपका साथी