शहर में चल रहे बिना लाइसेंस के कई आरओ प्लांट

गया शहर में मिलने वाला आरओ मिनरल प्लांट का पानी भले कुछ देर के लिए गले को ठंडक पहुंचा दे। लेकिन सेहत के लिए ठीक है या नहीं यह कोई नहीं बता सकता।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:26 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:26 PM (IST)
शहर में चल रहे बिना लाइसेंस के कई आरओ प्लांट
शहर में चल रहे बिना लाइसेंस के कई आरओ प्लांट

गया : शहर में मिलने वाला आरओ मिनरल प्लांट का पानी भले कुछ देर के लिए गले को ठंडक पहुंचा दे। लेकिन सेहत के लिए ठीक है या नहीं यह कोई नहीं बता सकता। क्योंकि इसकी जांच कभी नहीं होती है। शहर में आरओ मिनरल वाटर प्लांट बिना लाइसेंस के चल रहे है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते है। इस कारण बिना मानक के पानी का सेवन करने में से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। सरकारी कार्यालय, निजी कार्यालय, घरों, दुकानों, शादी सहित अन्य समारोहों में भी इसी पानी की आपूर्ति रहती है। पानी में कैल्सियम, मैग्निसियम, आयरन आदि कितनी मात्रा में है। मानक के अनुरूप है अथवा नहीं यह बात भी साफ नहीं हो पा रही है। वाटर प्लांट चलाने के लिए क्वालिटी कंट्रोल से लाइसेंस, नगर निगम से अनुमति प्रमाण पत्र, संबंधित अस्पताल से अनुमति प्रमाण पत्र एवं पानी की गुणवत्ता जांच के लिए लैब आदि हो तभी काम किया जा सकता है। प्लांट पर सभी गुणवक्ताओं व पैरामीटरों को लिखना अनिवार्य होता है। इससे साथ प्लांट में पानी का नियमित जांच के लिए एक निजी लैब और लैब टेक्नीशियन तैनाती होना चाहिए। साथ ही प्लांट की जांच हमेशा पीएचईडी विभाग से होते रहना चाहिए। लेकिन शहर में नियम को ताख पर रखकर आरओ प्लांट संचालक काम कर रहे है। ----------------- आरओ प्लांट से आपूर्ति हो रहा 1.60 लाख लीटर पानी गया शहर और मानपुर में आरओ का 80 प्लांट है। जिससे प्रत्येक दिन शहर में 1.60 लाख लीटर पानी आपूर्ति हो रही है। जो अपने-आप में पानी का बड़ा आपूर्ति है। क्योंकि सभी जगहों पर आरओ प्लांट का ही पानी पीने के लिए मिल रहा है। लेकिन पानी बिना जांच के बाजार में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। जो शासन-प्रशासन देखकर भी नजर अंदाज कर रहे है। क्योंकि सरकारी कार्यालय में भी आरओ प्लांट का पानी से लोग गला तर कर रहे है। -------------------- सभी प्लांट को दिया था अवैध करार शहर में 2019 में आरओ प्लांट का विरुद्व अभियान चला था। विभिन्न मोहल्ले में खोले गए आरओ प्लांट को अवैध करार देते हुए नगर निगम नोटिस भेजा था। इस निर्देश के बाद आरओ संचालकों में बेचैनी बढ़ गई थी। कभी वे नगर निगम के कार्यालय पहुंच रहे थे तो कभी बैठक कर रणनीति के तरह जिलाधिकारी के समक्ष पहुंच न्याय की गुहार लगा रहे थे। लेकिन सफलता उन्हें कहीं से नहीं मिली। पदाधिकारियों द्वारा छह महीने का समय लाइसेंस के लिए दिया गया था। लेकिन अभी तक कोई भी आरओ संचालकों ने लाइसेंस नहीं लिया। ------------------- लाइसेंस के लिए जमा है कागजात आरओ प्लांट संचालक संघ के अध्यक्ष पंकज प्रकाश का कहना है कि 2019 में आरओ प्लांट के विरुद्व जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई हुई थी। उसके बाद लाइसेंस बनाने के लिए कागजात नगर निगम कार्यालय में जमा है। दो वर्ष गुजर जाने बाद नगर निगम द्वारा अनुमति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। साथ ही प्लांट के पास पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सोख्ता का निर्माण संचालकों ने कर रखा है। --------------- शहर में चल रहे आरओ प्लांट की जांच दो-तीन दिनों में की जाएगी। इसके लिए सभी कनीय अभियंता को जांच में लगाया जाएगा। जांच के बाद बिना मानक चल रहे आरओ प्लांट पर कार्रवाई की जाएगी। सावन कुमार, नगर आयुक्त गया नगर निगम।

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