कोसम्हार में चौथे दिन कई आए डायरिया की चपेट में

वजीरगंज प्रखंड के कोसम्हार गांव जहां के लोग पिछले चार दिनों से डायरिया के चपेट में हैं। बीते मंगलवार की शाम अचानक एक साथ कई लोगों को उल्टी एवं दस्त होना शुरू हुआ जो शुक्रवार तक रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 04:58 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 04:58 PM (IST)
कोसम्हार में चौथे दिन कई आए डायरिया की चपेट में
कोसम्हार में चौथे दिन कई आए डायरिया की चपेट में

वजीरगंज : प्रखंड के कोसम्हार गांव जहां के लोग पिछले चार दिनों से डायरिया के चपेट में हैं। बीते मंगलवार की शाम अचानक एक साथ कई लोगों को उल्टी एवं दस्त होना शुरू हुआ जो शुक्रवार तक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। स्वास्थ्य विभाग इस पर काबू पाने का अथक प्रयास में लगा है, लेकिन परिणाम सार्थक नहीं मिल रहा। अब तक पांच दर्जन से अधिक लोग ग्रसित हो चुके हैं। सीएससी में इलाज की व्यवस्था से असंतुष्ट लोग अब निजी क्लिनिक की ओर रुख करने लगे हैं। वर्तमान में एक दर्जन पीड़ित सीएचसी में भर्ती हैं, सभी का चिकित्सकों की देखरेख में इलाज किया जा रहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. नंदलाल प्रसाद बताते हैं कि डायरिया पीड़ित 10 लोगों को अस्पताल से समुचित इलाज करके स्वस्थ हालत में छुट्टी दिया गया है, लेकिन जीतने ठीक हो रहे हैं उससे अधिक लोग फिर से संक्रमित हो जा रहे हैं। शुक्रवार को भी आधे दर्जन संक्रमित लोगों को एंबुलेंस से सीएचसी लाकर भर्ती कराया गया है। इतना सबके बावजूद लगातार संक्रमण का बढ़ना कहीं ना कहीं से स्वास्थ्य विभाग के अनुभव हीनता को दर्शाता है। संक्रमण के कारणों को जब तक रोका नहीं जाता तब तक तो नए लोग संक्रमित होते ही जाएंगे। रोगियों का इलाज मात्र से तो इस पर अंकुश लगा पाना संभव नहीं दिखता। वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डा. विद्याभूषण बताते हैं कि संभवत: दूषित पानी या अनियमित खानपान इसका कारण हो सकता है। लेकिन दूषित पानी इसका प्रबल कारण हो सकता है। संक्रमित मोहल्ले में जिस चापाकल का लोग पानी पी रहे हैं, उसका अधिकतम गहराई 35 से 40 फीट है। इतनी गहराई का पानी बरसात के मौसम में प्राय: दूषित होता है। जिससे विभिन्न प्रकार के संक्रामक बीमारियों का प्रसार होता रहता है। सवाल उठता है कि चार दिनों से लगातार संक्रमण बढ़ते रहने के बावजूद अब तक प्रशासन की नींद क्यों नहीं खुल रही है। चिकित्सकों के अलावा अब तक बीडीओ या सीओ की सुध नहीं लिए हैं। यदि अविलंब ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं कराया जाता है, तो संक्रमण बढ़ते रहने की प्रबल संभावना बनी रहेगी।

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