बिहार विधान परिषद चुनाव: मनोरमा फिर से होंगी उम्‍मीदवार, या डॉ. अनुज पर भरोसा करेगी सरकार

बिहार विधान परिषद चुनाव में जदयू से मनोरमा देवी एक बार फिर दावा ठोक रही हैं। उधर जदयू में आए डॉ. अनुज को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के आश्‍वासन पर भरोसा है। देखना है क‍ि चुनाव आते-आते राजनीति के क्‍या रंग दिखते हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:39 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:39 AM (IST)
बिहार विधान परिषद चुनाव: मनोरमा फिर से होंगी उम्‍मीदवार, या डॉ. अनुज पर भरोसा करेगी सरकार
विधान पार्षद मनोरमा देवी और जदयू नेता डॉ. अनुज कुमार सिंह। फाइल फोटो

नीरज कुमार, गया। स्थानीय निकाय विधान परिषद चुनाव (Bihar MLC Election) में इस बार गया की भूमि पर राजनीतिक लहर हिलकोरे मारेगी। एक ओर जदयू के लिए उम्‍मीदवार तय करना आसान नहीं होगा। क्‍योंकि वर्ष 2014 में जदयू की मनोरमा देवी से पराजित डॉ. अनुज कुमार सिंह विधानसभा चुनाव के समय अपने पुराने घर जदयू में लौट आए। वे इस उम्‍मीद में हैं कि जदयू उन्‍हें उम्‍मीदवार बनाएगा। वहीं वर्तमान विधान पार्षद मनोरमा देवी भी वापसी की उम्‍मीद लगाए बैठी हैं। उधर एनडीए की सहयोगी भाजपा में भी सुगबुगाहट है। बहरहाल यह चर्चा पार्टी के अंदर और बाहर जी से चल रही हैं। हालांकि यह तो समय ही बताएगा कि पार्टी उन्‍हें अपना उम्‍मीदवार बनाती है या नहीं। लेकिन चर्चाओं का बाजार तो गर्म जरूर हो गया है।  

मुख्‍यमंत्री ने दिया था उम्‍मीदवार बनाने का भरोसा  

जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.अनुज कुमार सिंह बताते है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उन्हेंं पाटी की सदस्यता दिलाई थी। उन्हेंं पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव  (Bihar Assembly Election) में उम्मीदवार नहीं बनाया। तब उन्हें विश्‍वास दिलाया गया था कि 2021 में होने वाले स्थानीय निकाय विधान परिषद चुनाव में उन्‍हें उम्मीदवार बनाया जाएगा। चूंकि अतरी विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधान परिषद मनोरमा देवी का उम्मीदवार बनाया गया था। अब विधान परिषद चुनाव का समय आ गया है। यह निर्णय पाटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेनी है। उन्हें विश्‍वास है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष उचित निर्णय लेंगे।  

मनोरमा देवी को है दोबारा मौका मिलने का विश्‍वास

इधर विधान पार्षद मनोरमा देवी भी कार्यकाल पूरा करने के बाद दावा छोड़ने वाली नहीं। वे कहती हैं कि उन्‍होंने अपने कार्यकाल में बेहतर काम किया। इसलिए विश्‍वास है कि उन्‍हें दोबारा सेवा का मौका पार्टी स्तर से जरूर मिलेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है।

क्‍या लोजपा से होगा कोई उम्‍मीदवार  

इधर, तीसरा उम्मीदवार बनाने की चर्चा जोरों पर है। वैसे उम्मीदवार की तलाश की जा रही है, जो त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के बीच अपनी अच्छी साख बना चुका है। बताया जाता है कि जिलास्तर पर अध्यक्ष के पद को सुशोभित कर चुकीं एक महिला की उम्‍मीदवारी की चर्चा भी जोरों पर है। उनका जनाधार मजबूत माना जा रहा है। वे जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी है। अभी लोजपा में हैं। हालांकि लोजपा के साथ जदयू के छत्‍तीस के आंकड़े की वजह से उनकी उम्‍मीदवारी विवादास्‍पद बन सकती है। हालां‍कि सीट शेयरिंग में यह सीट उसके हिस्‍से में आ सकती है।    

विधायक के करीबी होंगे महागठबंधन प्रत्‍याशी  

महागठबंधन की बात करें तो बेलागंज राजद विधायक के करीबी माने जाने वाले एक नेताजी की दावेदारी मजबूत दिख रही है। महागठबंधन में राजद और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। राजद जिलाध्यक्ष निजाम भाई की मानें तो वे विधान परिषद चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। गया के ही रहने वाले हैं। उन्हें विधान परिषद चुनाव में महागठबंधन उम्मीदवार बनाने पर चर्चा है।  

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