आज से अगले चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, थम गया शादियों का दौर, 2021 में मात्र 10 शुभ मुहूर्त

कोरोना की तीसरी लहर आने के पूर्व चार माह तक शादियों व अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लग गया। 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास का प्रवेश होने से ऐसा हुआ। यहां देखें 2021 के 10 शुभ मुहूर्त ।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:53 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 01:08 PM (IST)
आज से अगले चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, थम गया शादियों का दौर, 2021 में मात्र 10 शुभ मुहूर्त
देवोत्‍थान एकादशी से शुरू होंगे शुभ कार्य, सांकेतिक तस्‍वीर।

नवादा,संवाद सहयोगी। कोरोना की तीसरी लहर आने के पूर्व चार माह तक बैंड बाजा के साथ शादियों व अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लग गया। 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास का प्रवेश होने से ऐसा हुआ। अब शादी - विवाह व अन्य मांगलिक कार्यों के लिये चार माह का इंतजार करना होगा।

हिंदू धर्मावलंबियों के लिए शादी सहित कोई भी मांगलिक कार्य करने से पहले लग्न, नक्षत्र सहित शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा है। हमारे पंचांग में हर साल पडऩे वाली शुभ तिथियों सहित शुभ मुहूर्तों की विवरणी दी रहती है, जिसके हिसाब से ही सनातन धर्मावलंबी शादी सहित अन्य मांगलिक कार्यों का आयोजन करते हैं। इस वर्ष की बात करें तो 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी है, जिसके बाद से चातुर्मास लग जाएगा औऱ मांगलिक कार्यों पर भी रोक लग जाएगी।

अब  2021 में मात्र 10 दिन शुभ कार्य

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएगा, जो कि 14 नवंबर तक रहेगा। तकरीबन इन 4 महीनों के दौरान शुभ कार्यो के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच में सूर्य धनु राशि में आ जाएगा। जिसे धनुर्मास कहते हैं। इस एक महीने के दौरान भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस हिसाब से साल 2021 में मात्र 10 दिन ही शेष रह जाएंगे, जिनमें मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

हृषिकेश  पंचांग के अनुसार, नवंबर में 19, 20, 21, 26, 28, 29 तारीख शुभ हैं, जबकि दिसंबर महीने में 1, 2, 5, 7, 12 और 13 तारीख शुभ हैं। वहीं मिथिला पंचांग की बात करें तो नवंबर महीने में 21, 22 और 29 तारीख का विवरण है। वहीं दिसंबर महीने में 1, 2, 5, 6, 8, 9 और 13 तारीख शुभ हैं। इनके अलावा इस वर्ष कोई शुभ तिथि नहीं है।

देवोत्‍थान एकादशी से शुरू होंगे शुभ कार्य

देवशयनी एकादशी के संदर्भ में कई पौराणिक शास्त्रों में भी उल्लेख पढऩे को मिलता है। जिसके अनुसार ये वो विशेष तिथि होती है जब भगवान विष्णु अगले चार मास की अवधि तक पाताल लोक में शयन करते है। इन चार महीनों में कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य संपन्न नहीं किया जाता। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में किया गया कोई भी शुभ कार्य फलित नहीं होता और व्यक्ति को भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता।

हिन्दू पंचांग की मानें तो, आषाढ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से ही भगवान विष्णु शयन करने के लिए गमन हो जाते है और इसके पश्चात चार माह के बाद ही भगवान के इस शयनकाल की अवधि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी को  समाप्त होती है। इस अवधि पर भक्त देवोत्थानी एकादशी मनाते हुए, भगवान को पुन: जगाते हैं तब कहीं मांगलिक कार्य आरंभ किया जाता है ।

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