भारत बंद कराने औरंगाबाद की सड़क पर उतरे महागठबंधन के कार्यकर्ता, कांग्रेस-राजद ने लगाई पूरी जोर
कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को देशव्यापी भारत बंद का औरंगाबाद में कोई खास असर नहीं रहा। बंद के समर्थन में महागठबंधन के नेताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया परंतु प्रभावी नहीं रहा।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को देशव्यापी भारत बंद का औरंगाबाद में कोई खास असर नहीं रहा। बंद के समर्थन में महागठबंधन के नेताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया परंतु प्रभावी नहीं रहा। सुबह से ही बाजार में दुकानें खुली रही और सड़कों पर आम दिनों की तरह वाहनों की आवाजाही रही। सुबह नौ बजे से महागठबंधन के नेता बाजार बंद कराने सड़क पर उतर आए थे। शहर के रमेश चौक पर वाहनों की रफ्तार रोकने का प्रयास किया परंतु सफल नहीं रहे। भाकपा के साथ कांग्रेस एवं राजद के नेताओं ने बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया।
भाकपा नेता उमेश सिंह, सिनेश राही, उपेंद्र शर्मा, राजद जिलाध्यक्ष सुरेश मेहता, ई. सुबोध कुमार सिंह, युसूफ आजाद अंसारी, अनिल टाइगर, डा. रमेश यादव, कांग्रेस नेता अरविंद शर्मा, जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार, चुलबुल सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सभी ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले। यह कानून किसानों के हित में नहीं है। इस कानून से किसानों को नहीं बल्कि कारपोरेट घरानों को लाभ होगा।
केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुना करने का दावा करती है परंतु कैसे होगा यह नहीं बताती है। ई. सुबोध ने कहा कि डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है। विकास का पहिया थम गया है। बंद को लेकर शहर में कई जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। 12 बजे तक महागठबंधन के नेताओं ने शहर के रमेश चौक पर प्रदर्शन किया।
भारत बंद रहा विफल : जदयू
जदयू नगर निकाय के पूर्व नगर अध्यक्ष पप्पू गुप्ता ने कहा भारत बंद का असर नहीं रहा। इसमें किसानों की भागीदारी नहीं थी। कृषि कानून के खिलाफ दाउदनगर में सामान्य रूप से बाजार और दुकानें खुली रहीं। सड़कों पर आवागमन भी बाधित नही रहा। सड़कों पर प्रतिदिन की तरह वाहनों का आवागमन जारी रहा। बाजार में भीड़ है। जिउतिया व्रत होने के कारण बाजार में महिलाओं की भीड़ अधिक देखी गई। बंद का कोई असर न दुकानदारों पर रहा न बाजार पर।