ओपीडी में नहीं अपडेट होती दवाओं की सूची
गया जयप्रकाश नारायण अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 400 से 500 मरीजों की भीड़ जुटती है। इन दिनों वायरस जनित बुखार का सीजन होने के कारण कुछ ज्यादा संख्या में मरीज नित्य इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
गया: जयप्रकाश नारायण अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 400 से 500 मरीजों की भीड़ जुटती है। इन दिनों वायरस जनित बुखार का सीजन होने के कारण कुछ ज्यादा संख्या में मरीज नित्य इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सुबह के नौ बजे से ही रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा काउंटर व चिकित्सक के काउंटर पर मरीजों की कतार दिखनी लगती है। इस बीच मरीजों की एक परेशानी सभी तरह की दवा काउंटर से नहीं मिलने को लेकर है। दरअसल में मरीज कतार में लगकर चिकित्सक को अपनी तकलीफ बताते हैं। तकलीफ के अनुसार चिकित्सक मरीज के पूर्जे पर दवा लिखकर देते हैं। वहां से मरीज दवा लेने के लिए दवा वितरण काउंटर पर जाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि मरीज के पूर्जे में लिखी पांच से छह दवा में से कोई दवा काउंटर पर उपलब्ध ही नहीं होती। ऐसे में मरीज उस दवा को लेने से वंचित रह जाता है। इसका असर मरीज की इलाज व्यवस्था पर पड़ता है।
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नियमित रूप से सूची उपलब्ध रहने पर मरीजों की दूर होगी मुश्किल
-दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो चिकित्सकों ने इस कुव्यवस्था के लिए वहां के फार्मासिस्ट को जवाबदेह बताया। जेनरल मेडिसीन काउंटर पर इलाज कर रहे डा. शैलेष कुमार ने बताया कि दवा वितरण काउंटर से समय-समय पर दवाओं की अपडेटेड सूची उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। उसी के अनुसार दवा की उपलब्धता की जानकारी होती है। सोमवार को यह सूची नहीं दी गई थी। इधर, हड्डी वार्ड में डा. संजय सिंह ने कहा कि अपडेटेट लिस्ट को यदि नियमित रूप से ओपीडी के चिकित्सक को उपलब्ध कराया जाए तो दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इसमें दिक्कत है। जेपीएन अस्पताल के उपाधीक्षक सह नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि अपडेटेड लिस्ट उपलब्ध कराना फार्मासिस्ट का काम है। उनकी सूची से ही ओपीडी के डॉक्टर को पता चल पाता है कि कौन सी दवा अभी काउंटर पर उपलब्ध है। इस पूरे मसले पर सिविल सर्जन ने कहा कि यह गंभीर मसला है। उपाधीक्षक को यह देखना चाहिए। जांच में दोषी कर्मी पर कार्रवाई होगी।
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पैकेजिग
71 में से 23 प्रकार की दवाएं उपलब्ध नहीं
जासं, गया: दवाओं की उपलब्धता को लेकर जब जानकारी ली गई तो पाया गया कि ओपीडी में 71 प्रकार की दवाएं रहनी है। सोमवार को जेपीएन की ओपीडी में 48 तरह की दवाएं उपलब्ध थी। वहीं 23 प्रकार की दवाएं नहीं थी। पारासिटामोल की टिकीया की लगातार किल्लत रह रही है। 5 हजार टेबलेट आता है तो कुछ दिन में ही खत्म हो जाता है। गैस की दवा रेबिप्राजोल खत्म बताई गई। इधर, दवा वितरण काउंटर पर एक कर्मी ने कुछ दवाओं की सूची दिखाई जो दवा उस समय नहीं थी। इनमें एमॉक्सी 625, डाइसाइक्लोमिन व अन्य कुछ दवाएं शामिल थीं।